पटना।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज खगड़िया जिले से प्रगतियात्रा के तीसरे चरण की शुरुआत कर जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध मेंसमाहरणालय स्थित मुख्य सभाकक्ष में समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षात्मक बैठक में खगड़िया जिला के जिलाधिकारी श्री अमित कुमार पांडेय ने खगड़िया जिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिएपोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरूकी गई थी लेकिन जब लड़कों ने मांग शुरू की तो वर्ष 2010 से उनके लिए भी साइकिल योजना शुरू की गई। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां विद्यालयों में पढ़ने जाती थीं।लड़कियों को जब साइकिल दी गई तो वे समय पर स्कूल जाने लगीं और साथ ही शाम मेंअपने माता-पिता को भी बाजार ले जाती हैं। यह दृश्य देखकर काफी अच्छा लगता है।बिहार में बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई है। स्कूल भवनों का निर्माणकराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारीशिक्षकों की भी बहाली की जा रही है। इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों को परीक्षा केमाध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। मदरसों को भी सरकारी मान्यता प्रदान कीगई और वहां पढ़ानेवाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीजइलाज कराने आते थे। अब 1 माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंचरहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 12हो गई है। सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। खगड़िया जिला में भी मेडिकलकॉलेज स्थापित किया जाएगा। पी0एम0सी0एच0 को 5400 बेड का वर्ल्ड क्लास अस्पतालबनाया जा रहा है। आई0जी0आई0एम0एस0 का भी विस्तारीकरण किया जा रहा है, यहां पर3000 बेड की सुविधा होगी। इसके साथ ही हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली एवंनाली का निर्माण, हर घर शौचालय, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएंलोगों तक पहुंचा दी गई हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50प्रतिशत आरक्षण दिया गया, इसके तहत अब तक 4 चुनाव हो चुके हैं। बड़ी संख्या मेंमहिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम कियाहै। वर्ष 2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसकानतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है। वर्ष 2016 सेहमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। पहले बिहारमें स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। हमलोगों ने वर्ष 2006 में विष्व बैंक सेकर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया।
बिहार में अब स्वयंसहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 31 लाख जीविकादीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों नेही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और उसकानाम आजीविका दिया। हमलोगों के काम का असर पूरे देश पर पड़ता है। बिहार में अब शहरीक्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है। शहरी क्षेत्र में अब तक 26हजार जीविका स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है, जिनसे 3 लाख जीविका दीदियांजुड़ चुकी हैं।
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