Tuesday, 17 December

भोपाल
मध्य प्रदेश में खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के लिए धान की खरीदी 2 दिसंबर से शुरू हो जाएगी. धान कॉमन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 और धान ग्रेड-ए का 2320 रुपये प्रति क्विंटल है. किसानों की एफएक्यू गुणवत्ता की उपज इन्हीं दरों पर खरीदी की जाएगी. धान की खरीदी 3  दिसंबर से 20 जनवरी 2025 तक किया जाएगा. उपार्जन सोमवार से शुक्रवार तक होगा.

45 लाख मीट्रिक टन होगी धान की खरीदी

केन्द्र सरकार की ओर से निर्धारित मात्रा के अनुसार, समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 45 लाख मीट्रिक टन की जाएगी. गोदाम स्तर पर खाद्यान्न की गुणवत्ता का परीक्षण उपार्जन एजेंसी के गुणवत्ता सर्वेयर द्वारा स्टेक लगाने के पहले किया जाएगा. वहीं परिवहनकर्ता की ओर से उपार्जित खाद्यान्न का परिवहन समय-सीमा में नहीं करने पर पेनाल्टी की व्यवस्था साप्ताहिक रूप से की जाएगी.

कब तक होगी धान की खरीदी

मध्य प्रदेश सरकार धान की खरीदी 2 दिसंबर से 20 जनवरी 2025 तक करेगी. वहीं किसान सोमवार से शुक्रवार तक केंद्र में धान बेच सकते हैं.

अवैध बिक्री रोकने के लिए कलेक्टर को दिए गए निर्देश

समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के बाद भुगतान कृषक पंजीयन के दौरान आधार नम्बर से लिंक बैंक खाते में किया जाएगा. धान उपार्जन अवधि के दौरान पड़ोसी राज्यों से उपार्जन केन्द्र पर लायी जाने वाली उपज की अवैध बिक्री को रोकने के लिए सभी जिले के कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं.

ऑनलाइन निगरानी की व्यवस्था बनाई गई

खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सामान्य किस्म की धान 2,300 और ग्रेड ए धान का समर्थन मूल्य 2,320 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदी जाएगी। गुणवत्तायुक्त उपज का ही उपार्जन हो, इसके लिए ऑनलाइन निगरानी की व्यवस्था बनाई गई है।

उपज में कचरा मिला तो उसे लौटा देंगे

राज्य और जिला स्तर पर उपार्जन पोर्टल पर दर्ज होने वाली उपज संबंधी जानकारी के आधार पर आकलन किया जाएगा। यदि उपज में कचरा, टूटन या नमी अधिक होती है तो उसे लौटा दिया जाएगा। जब किसान उपज ठीक कराकर निर्धारित मापदंड के अनुसार लाएगा, तब ही उसे स्वीकार किया जाएगा।

दरअसल, धान किसान से लेने के बाद उसे चावल बनाने के लिए मिलर्स को दी जाती है। उस समय कई बार नमी, कचरा और टूटन अधिक होने की शिकायत सामने आती है। ऐसी उपज मिलर्स नहीं लेते हैं क्योंकि प्रति क्विंटल धान से 67 किलोग्राम चावल लिया जाता है।

जब यह मात्रा नहीं मिलती है तो मिलर्स को नुकसान होता है। यही कारण है कि इस बार गुणवत्तायुक्त उपज की खरीदी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी उपार्जन केंद्रों पर नमी की जांच करने के लिए नमी मापक यंत्र (मायश्चर मीटर) रखे जाएंगे।
मिलिंग भी समय पर होगी

नमी जांचने के बाद धान लेकर सीधे उपार्जन केंद्र से ही मिलिंग के लिए मिर्लस को दी जाएगी। इससे परिवहन और भंडारण व्यय में कमी आने के साथ मिलिंग भी समय पर होगी। भारतीय खाद्य निगम ने मिलिंग के लिए अंतिम सीमा जून रखी है।

मंत्री, प्रमुख सचिव और आयुक्त करेंगे औचक निरीक्षण

उपार्जन के दौरन या उसके बाद होने उपार्जन में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी और आयुक्त सिबि चक्रवर्ती औचक निरीक्षण करेंगे। किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उड़नदस्ते भी जिला स्तर पर गठित होंगे, जो उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण करेंगे।

किसानों को समाधान के लिए किए गए ये व्यवस्था

पंजीयन और उपार्जन में आने वाली तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए जिले में और राज्य स्तर पर भी तकनीकी सेल का गठन किया गया है. जिला स्तरीय समिति उपार्जन संबंधी सभी विवादों का अंतिम निराकरण और उपार्जित खाद्यान्न की गुणवत्ता की निगरानी करेगी. इसके अलावा राज्य स्तर पर एक कंट्रोल-रूम भी स्थापित किया गया है. अगर आप किसी भी जानकारी के लिए कंट्रोल रूम में संपर्क करना चाहते हैं इस नंबर 0755-2551471 पर कॉल कर हैं. ये उपार्जन अवधि में सुबह 9 से रात 7 बजे तक संचालित रहेगा.


Source : Agency

Share.
Exit mobile version