Tuesday, 24 September

नई दिल्ली
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को एक कंज्यूमर कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। बैंकिंग फ्रॉड के एक मामले में कोर्ट ने SBI को कहा है कि वह पीड़ित सीनियर सिटीजन ग्राहक को हर्जाने के रूप में 97 लाख रुपए का भुगतान करे। यह मामला हैदराबाद का है। एक सीनियर सिटीजन कपल ने एसबीआई में सेविंग अकाऊंट व FD अकाउंट खुलवाया हुआ था। उनके सेविंग अकाऊंट व FD अकाऊंट में 60 लाख रुपए से ज्यादा रुपए पड़े हुए थे। उनके ड्राइवर ने किसी तरह से दोनों अकाऊंट से ट्रांजैक्शन का एक्सैस हासिल कर लिया। उसके बाद ड्राइवर ने अकाऊंट को पूरा खाली कर दिया और भाग गया।

मामला संज्ञान में आते ही कस्टमर ने बैंक से संपर्क किया और ब्रांच मैनेजर के पास शिकायत की। बाद में उन्होंने पुलिस के पास FIR भी कराया। मामले का हल नहीं निकलने पर सीनियर सिटीजन कपल RBI ओम्बड्समैन के पास पहुंचे। वहां से भी सही रिस्पॉन्स नहीं मिलने के बाद उन्होंने कंज्यूमर कोर्ट जाने का फैसला कर लिया। पहले मामला तेलंगाना स्टेट कंज्यूमर कमिशन के पास गया, जो बाद में नैशनल कंज्यूमर डिस्पुट्स रिड्रेसल कमिशन (NCDRC) तक पहुंच गया।

6 साल की लड़ाई के बाद सफलता
NCDRC और तेलंगाना स्टेट कंज्यूमर कमिशन दोनों ने सीनियर सिटीजन कपल के पक्ष में फैसला सुनाया। करीब 6 साल चली लंबी लड़ाई के बाद सीनियर सिटीजन कपल को तब राहत मिली, जब NCDRC ने SBI को हर्जाना भरने का आदेश दिया। एनसीडीआरसी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को कहा कि वह इस फ्रॉड के एवज में कपल को हर्जाने के रूप में 97 लाख रुपए का भुगतान करे।

इस कारण मानी गई बैंक की गड़बड़ी
दरअसल कपल ने अपने ड्राइवर को नैट बैंकिंग में सिर्फ डिटेल देखने (व्यू वनली) का एक्सैस दिया हुआ था। ड्राइवर ने नैट बैंकिंग क्रेडेंशियल की चोरी कर ली और उनका फोन एक्सैस कर अपने मोबाइल में ट्रांजैक्शन की फैसिलिटी को एक्टिवेट कर लिया। उसके बाद उसने FD को समय से पहले रिडीम कर लिया और पूरा पैसा ट्रांसफर करने के बाद भाग गया। कोर्ट ने माना कि इसमें एसबीआई की ओर से भी गड़बड़ी हुई, जिसने पर्याप्त वैरिफिकेशन के बिना व्यू वनली एक्सैस पर ट्रांजैक्शन की फैसिलिटी को एक्टिवेट किया। इसी कारण उसे हर्जाना भरने के लिए कहा गया है।

 


Source : Agency

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