Thursday, 26 December

नई दिल्ली

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को जाति विवाद को लेकर कांग्रेस पर जमकर पलटवार किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का जिक्र करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा और दावा किया कि यदि सामंतवादी सोच वाली कांग्रेस ने मंडल और काका कालेलकर की रिपोर्ट की राह में रोड़ा नहीं अटकाया होता, तो आज स्थिति कोई और होती। अनुराग ठाकुर ने कहा कि नेहरू ने तो आरक्षण के विरोध में अपने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख दिया था, जबकि राजीव गांधी खुलेआम मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध करते थे।

बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, ”सांच को आंच नहीं। कुछ लोगों के मेरे भाषण से उनके Sense of Entitlement को गहरी चोट लगी है, जिसका असर हुआ कि पूरे ने चीख पुकार मचाना शुरू कर दिया है। इन्हें लगता है कि सवाल पूछने का हक सिर्फ इन्हें है, क्योंकि ये प्रिविलेज्ड हैं। यह वही लोग हैं जिनके पूर्वज देश के पिछड़ो, दलितों और वंचितों को बुद्धू कहा करते थे। जो लोग आज तक लेगेसी की मलाई खाते आ रहे रहे हैं, आज उनके मुंह में सवाल की खटाई क्या पड़ी, ये झूठ बोलकर अपनी जग हंसाई करवा रहे हैं।  लम्हों ने ख़ता की थी, सदियों ने सजा पाई।”

बीजेपी सांसद ने बात करते हुए कहा, ”जो दूसरों को बुद्धू कहा करते थे, आज उनके ही घरों में बुद्धिओं की भरमार है। ये वही लोग हैं, जिन्हें लगता था कि उनके सामने कोई दलित व्यक्ति कोट-पैंट पहनकर कैसे खड़ा हो सकता है और संविधान लिख सकता है।” पूर्व पीएम राजीव गांधी का जिक्र करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि राजीव गांधी ने कहा था कि आरक्षण के नाम पर बुद्धिओं को बढ़ावा नहीं देंगे। यह इंटरव्यू साल 1985 में प्रकाशित हुआ था। मैं कहता हूं कि बात निकली है तो दूर तक जाएगी। पूर्व प्रधानमंत्री के अति बुद्धिमान पुत्र इस देश को बताएंगे कि क्या उनके पिता की नजरों में पिछड़ा वर्ग बुद्धू था? क्या कांग्रेस राजीव गांधी द्वारा दिए गए एक अतिघृणित जातिवादी बयान की निंदा करेगी या फिर उसके खिलाफ रिजॉन्यूशन पास किया जाएगा?”

उन्होंने आगे कहा, ”1947 से लेकर कांग्रेस अपने वैचारिक दरबारियों के साथ मिलकर दलित और वंचित समाज को मुख्यधारा से बाहर करने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाती रही। जब जवाहरलाल नेहरू से पूछा गया कि दलित और आदिवासियों को आरक्षण क्यों नहीं दिया जा रहा तो उन्होंने बहाना बना दिया कि आरक्षण देने से उनके मन में हीन भावना भर जाएगी। नेहरू ने तो अपने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर बता दिया था कि वे किसी भी आरक्षण के खिलाफ हैं। इंदिरा गांधी की भी यही नीति थी। मंडल आयोग की रिपोर्ट भी लागू होने की राह ताकती रही। राजीव गांधी और इंदिरा गांधी ने दस साल तक इस रिपोर्ट को लागू नहीं होने दिया।”

‘मंडल आयोग की रिपोर्ट के विरोध में थे राजीव’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि राजीव गांधी तो खुलेआम मंडल आयोग के रिपोर्ट को लागू करने का विरोध करते रहे। जब काका कालेलकर की रिपोर्ट आई तो भी कांग्रेस ने इसे वर्षों तक छिपा कर रखा। देश में पिछड़ा-आदिवासी, दलित समाज को राहुल गांधी के इरादे पर शंका है, क्योंकि ये उसी परिवार और पार्टी के सर्वे-सर्वा हैं, जिन्होंने आजतक सारी मर्यादाओं को तोड़कर आरक्षण का विरोध किया। सामंतवादी जब समाजवादी बनने का ढोंग करते हैं तो बहुत खतरनाक होते हैं। कांग्रेस ने तो मोदी जी के बहाने पिछड़ावर्ग को गालियां दीं और अपमानित किया। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बजट पर चर्चा के दौरान संसद में अनुराग ठाकुर ने जाति पर बयान देकर विवाद पैदा कर दिया था, जिसके बाद राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने सरकार पर जमकर निशाना साधा था। 


Source : Agency

Share.
Exit mobile version