जशपुर
जिले के सन्ना वन परिक्षेत्र के लुरापाठ में वन अधिकार पट्टे की लालच में सैकड़ों पेड़ों की कटाई व गार्डलिंग करने का मामला सामने आया है. ग्रामीणों का आरोप है कि पेड़ों को काटकर जमीन को खाली किया जा रहा है, जिससे जमीन पर पीढ़ियों से कब्जा बताकर पट्टे के लिए आवेदन दिया जा सके. मामले में वन विभाग की सुस्त रवैये से ग्रामीणों में आक्रोश है.
जशपुर जिले के पठारी क्षेत्र पंडरापाठ में कुछ ग्रामीणों ने जंगल की 3.5 एकड़ जमीन को खाली करने के लिए सैकड़ों पेड़ों की कटाई व गार्डलिंग कर दी है. रात के अंधेरे में बेशकीमती पेड़ों को गार्डलिंग कर छोड़ दिया गया, जिससे अब यह पेड़ सूखने के कगार पर आ गए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव की कुछ दबंग प्रवृति के लोग करीब 500 पेड़ो को कटाई कर दी है. वहीं गार्डलिंग की गई पेड़ों को आसानी से काट-काट कर उक्त भूमि पर वन अधिकार पट्टा के लिए आवेदन करने का योजना बनाई है.
हैरानी की बात है कि जंगल में सैकड़ों पेड़ों की कटाई के साथ गार्डलिंग हो गई और बीट गार्ड को इस बारे में कुछ पता ही नहीं चल पाया. इलाके के जागरूक ग्रामीणों के द्वारा इसकी सूचना वन विभाग को दी गई. वन विभाग ने सूचना के बाद कार्रवाई शुरू की है. जिन पेड़ों की गार्डलिंग की गई है, उनमें से अधिकांश अभी-अभी बड़े हुए हैं. जंगल में कई पेड़ तो बेहद पुराने हैं, जिनमें से अधिकांश को वन विभाग ने विकसित किया है. पण्ड्रापाठ डिप्टी रेंजर नरेंद्र यादव ने बताया कि सूचना मिलने पर मामले में फिलहाल पंचनामा तैयार कर लिया है. उन्होंने बताया कि पूछताछ में स्थानीय ग्रामीणों की संलिप्तता पाई गई है. कुछ नामजद आरोपी के खिलाफ शिकायत मिली है, जिसपर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी, साथ ही काटे गए पेड़ों को जब्त कर डिपो में रखवाया जा रहा है.
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