रोहतक
हरियाणा में विधानसभा चुनाव हैं और वोटिंग से ठीक पांच दिन पहले रेप और हत्या जैसे केस में सजायाफ्ता गुरमीत राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आने वाला है. चुनाव आयोग की शर्तों पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को पैरोल मिल गई है. गुरमीत जेल से बाहर आने के बाद हरियाणा में नहीं रहेगा. वो किसी राजनीतिक गतिविधि का भी हिस्सा नहीं बनेगा. सोशल मीडिया पर प्रचार नहीं कर सकेगा. गुरमीत ने 20 दिन की इमरजेंसी पैरोल मांगी थी. गुरमीत ने जेल विभाग को दिए आवेदन में कहा था कि वो यूपी के बरनावा आश्रम में रहेगा. राम रहीम को 4 साल में 11 बार पैरोल या फरलो मिली है. दिलचस्प बात यह है कि इनमें 8 बार ठीक चुनाव से पहले रियायत दी गई है.
गुरमीत रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है. उसने 2 सितंबर को 21 दिन की फरलो काटकर जेल में सरेंडर किया था. राम रहीम के मामले में कहा जाने लगा है कि इसे सजा नहीं, पैरोल कहिए. एक तरफ रेप और कत्ल जैसा संगीन जुर्म किया है और दूसरी तरफ गुनहगार गुरमीत पर ‘सरकारी आजादी’ रेवड़ी की तरह बरस रही है. पिछले दो साल में ही 253 की पैरोल या फरलो की मंजूरी मिल गई है. एक दिन पहले 20 दिन की पैरोल को जोड़ा जाए तो यह संख्या 273 दिन हो जाएगी. यानी इस पैरोल के बाद गुरमीत का 9 महीने 12 दिन जेल से बाहर बिताने का वक्त हो जाएगा. जबकि 2020 से 2022 तक गुरमीत को सिर्फ एक दिन 12 घंटे की ही पैरोल मंजूर की गई थी.
गुरमीत राम रहीम की पैरोल की शर्तों में यह भी शामिल है कि वह चुनाव तक हरियाणा में नहीं रह सकेगा। इसके अलावा किसी सामाजिक और राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा भी लेने की परमिशन नहीं होगी। यही नहीं वह सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को संबोधित नहीं कर सकेगा। यदि उसकी ओर से इन शर्तों का किसी भी तरह से उल्लंघन किया गया तो पैरोल को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा। यह 11वां मौका है, जब गुरमीत राम रहीम को पैरोल दी जाएगी। उसे पैरोल मिलने पर सवाल उठते रहे हैं कि आखिर क्यों उसे बार-बार जेल से बाहर रहने की परमिशन दी जा रही है।
राम रहीम को चुनावी सीजन में पैरोल मिलने के मायने निकाले जा रहे हैं। राम रहीम का सिरसा, हिसार, फतेहाबाद समेत हरियाणा के कई जिलों में अच्छा प्रभाव है। उसके अनुयायियों की संख्या लाखों में है। इसी के चलते राजनीतिक दल अकसर उसे साथ लेने की कोशिश करते हैं। हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान होना और 8 तारीख को नतीजे आने हैं। पैरोल मिलने का असर उसके समर्थकों की राय पर भी दिख सकता है। उसे अब तक एक दर्जन से ज्यादा बार पैरोल मिल चुकी है।
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