Wednesday, 15 January

जबलपुर। मध्य प्रदेश के चर्चित आईएएस अफसरों में से एक शीलेन्द्र सिंह के साथ ही  तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुर को जबलपुर हाईकोर्ट की मुख्य पीठ ने अवमानना के मामले में सजा सुनाई है। 

दोनो अधिकारियों को सात सात दिन की जेल और बीस बीस हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

शीलेंद्र सिंह आईएएस, उन दिनों मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के कलेक्टर थे। छतरपुर स्वच्छता मिशन के तहत रचना द्विवेदी जिला समन्वयक को छतरपुर से बड़ामलहरा स्थानांतरित कर दिया गया था। संविदा नियुक्ति में स्थानांतरण करने का कोई प्रावधान नहीं है। उसके बावजजूद भी याचिका कर्ता को बड़ामलहरा स्थानांतरित किया गया था। इस स्थानांतरण के विरुद्ध याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने रचना त्रिपाठी का ट्रांसफर आर्डर स्थगित कर दिया था। इसके बावजूद रचना त्रिपाठी के बड़ृामलहरा में ज्वाइन न करने के कारण उसे सेवा से पृथक कर दिया गया था।जिसके विरुद्ध उसने पुन: न्यायालय में शरण ली और न्यायालय को अपने अधिवक्ता के माध्यम से बताया कि न्यायालय के आदेश का पालन नहीं हो रहा है और याचिकाकर्ता को नौकरी से निकाल दिया गया है और अन्य किसी व्यक्ति को अपीलार्थी की जगह सेवा में रखा गया है। न्यायालय ने तत्कालीन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को अवमानना का नोटिस दिया था। अवमानना की याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को अवमानना का दोषी घोषित कर दिया।

यह मामला स्वच्छता मिशन का है, जो जिला पंचायत के अंतर्गत आता है। याचिकाकर्ता रचना त्रिपाठी, जिला पंचायत की संविदा कर्मचारी थी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमर बहादुर सिंह ने उनका ट्रांसफर किया था और हाई कोर्ट द्वारा स्थगित हो जाने के बावजूद, ट्रांसफर ऑर्डर का पालन ना करने की आरोप में रचना त्रिपाठी की सेवाएं समाप्त कर दी थी। इसलिए इस मामले में श्री अमर बहादुर सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत छतरपुर को भी दोषी घोषित किया गया था। 

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