रांची
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को आश्वस्त किया है कि उनकी सरकार ‘वक्फ संशोधन विधेयक-2024’ का समर्थन नहीं करेगी। सोरेन ने बुधवार को बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी के नेतृत्व में उनसे मिलने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल की ओर से रखी गई मांग को जायज बताया।
बोर्ड के ऑफिस सेक्रेटरी एम वकारउद्दीन लतीफी की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में बताया गया है कि प्रतिनिधिमंडल ने सीएम सोरेन से मुलाकात के दौरान कहा कि प्रस्तावित संशोधन से न सिर्फ वक्फ कानून कमजोर होगा, बल्कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का गलत तरीके से हस्तांतरण आसान हो जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि केंद्र सरकार की यह कार्रवाई संविधान, लोकतांत्रिक मूल्यों, संघवाद और देश की बहुलता के खिलाफ है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलुर रहीम मुजाद्दिदी ने मुख्यमंत्री को विधेयक के विभिन्न प्रावधानों से अवगत कराया।
बोर्ड के कार्यकारी सदस्य डॉ. एसक्यूआर इलियास ने मुख्यमंत्री सोरेन से कहा कि वे अल्पसंख्यकों के दमन के खिलाफ लड़ाई में उनसे समर्थन करने की उम्मीद करते हैं।बोर्ड के अनुसार, सोरेन ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि उन्होंने हमेशा मुसलमानों के न्यायोचित मुद्दों का समर्थन किया है और आगे भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि वे इस दुर्भावनापूर्ण विधेयक को संसद में पारित नहीं होने देने के लिए आवश्यक प्रयास करेंगे और जल्द ही अपनी कैबिनेट में इस विधेयक के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करेंगे। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को विधेयक के विभिन्न प्रावधानों पर एक संक्षिप्त नोट सौंपा और उनका आभार जताया। इस मुलाकात के दौरान अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी भी उपस्थित रहे।
प्रतिनिधिमंडल में बोर्ड के अध्यक्ष और महासचिव के अलावा झारखंड से बोर्ड के सदस्य मौलाना मोहम्मद यासीन कासमी, मौलाना मुफ्ती नज़र तौहीद और रांची के प्रसिद्ध सर्जन डॉ. मजीद आलम शामिल थे।
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