Friday, 20 September

नई दिल्ली  विश्व हिंदू परिषद ने एक महत्वपूर्ण बैठक की। वीएचपी की बैठक हुई, ये उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना ये कि इसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 30 जज भी शामिल हुए। अजेंडा में मुख्य थे काशी के ज्ञानवापी और मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद, वक्फ संशोधन विधेयक, जबरन या लालच देकर धर्मपरिवर्तन, मंदिरों की सरकारी नियंत्रण से मुक्ति। वीएचपी के विधि प्रकोष्ठ की बैठक इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है कि संघ परिवार के कई वैचारिक मुद्दे चाहें मथुरा मंदिर विवाद हो या ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ विवाद, अभी अलग-अलग अदालतों में लंबित हैं। ऐसा लगता है कि अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भव्य राममंदिर निर्माण के बाद संघ परिवार को महसूस हो रहा है कि ऐतिहासिक विवादों पर आंदोलन के बजाय कानूनी रास्ता ज्यादा कारगर साबित हो सकता है। अंग्रेजी अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वीएचपी की हालिया बैठक में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए।

विश्व हिंदू परिषद की बैठक में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों का शामिल होना इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि संघ परिवार के कई वैचारिक मुद्दे अभी अदालतों में लंबित हैं। इनमें वाराणसी में काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद और मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह विवाद शामिल हैं। वक्फ संशोधन विधेयक अभी चर्चा में है जो फिलहाल चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया है। पिछले संसद सत्र में मोदी सरकार ने इस विधेयक को संसद में पेश किया था लेकिन विपक्ष के विरोध और एनडीए के कुछ सहयोगियों की तरफ से भी इस पर सवाल उठाए जाने के बाद बिल को जेपीसी को भेज दिया गया। इसके अलावा बीजेपी के शासन वाले अलग-अलग राज्यों में लाए गए कुछ धर्मपरिवर्तन-विरोधी कानून भी न्यायिक समीक्षा के दायरे में आ चुके हैं।

अंग्रेजी अखबार  ने विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार के हवाले से बताया है कि इस बैठक का उद्देश्य समाज के सामने मौजूद मुद्दों पर सेवानिवृत्त जजों और वीएचपी के बीच विचारों का आदान-प्रदान करना था ताकि दोनों एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझ सकें। इंडियन एक्सप्रेस ने वीएचपी चीफ को कोट किया है, ‘हमने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों को आमंत्रित किया था। समाज के सामने सामूहिक मुद्दे – जैसे कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, मंदिरों को वापस सौंपना, सरकार के नियंत्रण वाले मंदिरों को (समाज को) सौंपना, धर्मांतरण आदि पर चर्चा हुई। इसका उद्देश्य जजों और VHP के बीच विचारों का मुक्त आदान-प्रदान था ताकि दोनों एक-दूसरे की समझ विकसित कर सकें।’

बैठक को लेकर वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने अखबार को बताया कि यह विचारों के आदान-प्रदान का एक मंच था। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रवाद और हिंदुत्व पर चर्चा हुई। हिंदुओं को प्रभावित करने वाले कानून, मंदिरों की मुक्ति, धर्मपरिवर्तन, गो हत्या और वक्फ बोर्ड पर चर्चा हुई।’

रविवार देर रात केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीएचपी बैठक की तस्वीरें पोस्ट की थी। उन्होंने लिखा,’आज विश्व हिंदू परिषद के विधि प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित Judge’s Meet समारोह में सहभागिता करके विकसित भारत के निर्माण संबंधित न्यायिक सुधारो से जुड़े विषयों पर विस्तृत संवाद किया। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार जी की गरिमामयी उपस्थित में सेवानिवृत्त न्यायाधीश, अन्य न्यायविद्, वरिष्ठ वकील व अन्य गणमान्य प्रबुद्धजन साथ उपस्थित रहे।’

Source : Agency

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