भोपाल
मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा अगले महीने से 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. पिछली बार की तरह इस बार भी दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए ग्वालियर चंबल संभाग चिंता का कारण बना है, क्योंकि यहां पर सबसे ज्यादा संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केन्द्र चिन्हित किए गए हैं. ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराना किसी चुनौती से कम नहीं है. बता दें कि इस बार 10वीं-12वीं की परीक्षाओं में करीब 20 लाख विद्यार्थी बैठ रहे हैं. इनमें दसवीं में लगभग 12 लाख और बारहवीं में 8 लाख छात्र-छात्राएं सम्मिलत होंगे.
340 अतिसंवदेनशील और 222 संवेदनशील परीक्षा केंद्र
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस बार 10वीं-12वीं की परीक्षाओं के लिए 3 हजार 887 परीक्षा केन्द्र निर्धारित किए हैं. इनमें करीब 500 से अधिक संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केन्द्र हैं. इन केन्द्रों ने सबसे अधिक ग्वालियर-चंबल संभाग के हर जिले में खतरा पैदा किया है. वहीं मुरैना में सबसे अधिक 44 केन्द्र अतिसंवेदनशील और 10 सेंटर संवेदनशील है. हालांकि इस बार भिंड में अतिसंवेदनशील स्थिति में कमी आई है. यहां मात्र 4 परीक्षा केन्द्र अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखे गये हैं, लेकिन मंडल के पास जो रिपोर्ट है. उसके अनुसार पिछले एक दशक में सबसे अधिक सामूहिक नकल के प्रकरण भी इन्हीं जिलों से आये हैं.
राजधानी में भी 27 अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्र
इंदौर संभाग में 71 संवेदनशील परीक्षा केन्द्र चिन्हित किए गए हैं. जबकि संवेदनशील केन्द्र की स्थिति शून्य है. वहीं राजधानी में सबसे अधिक सुरक्षा के दावे होते हैं, लेकिन यहां पर इस बार की परीक्षाओं में 54 केन्द्रों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है. जबकि 27 परीक्षा केंद्र को अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा है. माध्यमिक शिक्षा मंडल के आंकड़ों में इस बार पूरे प्रदेश में 340 अतिसंवेदनशील और 222 संवेदनशील केन्द्र घोषित किए गए हैं. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार अतिसंवेदनशील केन्द्रों की संख्या सैकड़ा भर अधिक है.
केन्द्र अध्यक्ष और सहायक केन्द्र अध्यक्ष की नियुक्ति रेंडमली
जिन जिलों में संवेदनशील और अति-संवेदनशील केन्द्र ज्यादा घोषित किए गए हैं. वहां पर कलेक्टरों को सचेत किया गया है. जिला अधिकारियों से कहा गया है कि जितने केन्द्रों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील चिन्हित किया गया है, वहां पर्याप्त निगरानी की जाए. अतिरिक्त पुतलिस बल इन केन्द्रों पर लगाया जाए. एमपी बोर्ड के पीआरओ मुकेश मालवीय ने बताया कि “विगत वर्ष की भांति इस बार भी केंद्र अध्यक्ष और सहायक केन्द्र अध्यक्ष की नियुक्ति रेंडमली की जाएगी.
जिन लोगों को केन्द्र अध्यक्ष और सहायक केन्द्र अध्यक्ष बनाया जाना है. सॉफ्टवेयर में कलेक्टरों को यह प्रक्रिया पूर्ण करना होगी. कलेक्टरों की मौजूदगी में एनआईसी के माध्यम से इनकी नियुक्तियों की जाएंगी. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव संजय गोयल ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा है.”
Source : Agency