नई दिल्ली
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath ) ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के सभी आंकड़े काफी मजबूत हैं, जो दिखाते हैं कि बड़े स्तर पर पब्लिक निवेश हुआ है और इससे देश की विकास दर को सहारा मिल रहा है.उन्होंने कहा कि भारत को सुधारों को जारी रखना चाहिए, जिससे विकास की गति बनी रहे और रोजगार के नए अवसर पैदा होते रहे.
गीता गोपीनाथ ने आगे कहा कि भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, लेकिन विकास रोजगार युक्त होना चाहिए, जिससे सभी को इसका फायदा मिल सके.
राजकोषीय स्थिति अच्छा नहीं होने पर वित्तीय संकट का खतरा
दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लंबी अवधि में राजकोषीय समेकन और विकास के बीच कोई समझौता नहीं होना चाहिए. अगर कोई देश अपनी राजकोषीय स्थिति को अच्छा नहीं रखेगा, तो उसके सामने एक वित्तीय संकट खड़ा हो जाएगा. इस कारण से सभी सरकारों को राजकोषीय समेकन पर ध्यान देना चाहिए.
गोपीनाथ की टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को चालू वित्त वर्ष के लिए घटाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया है. वित्त मंत्री की यह कोशिश अर्थव्यवस्था को विकास के पथ पर बनाए रखते हुए राजकोषीय घाटे को कम करने की है.
इसके साथ ही सरकार ने अपने उधारी के लक्ष्य को भी कम रखा है. इससे मार्केट में अधिक पैसा बचेगा और कंपनियां ज्यादा उधार ले पाएंगी.महिलाओं को नेतृत्व के लिए आगे आना होगा: गीता गोपीनाथ
इसके आगे गीता गोपीनाथ ने कहा कि महिलाओं को नेतृत्व के लिए आगे आना होगा. पूरे विश्व में इस दिशा में प्रगति हुई है. एक समय पर यह सोचना भी मुश्किल था कि आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर महिला हो सकती है, लेकिन मौजूदा और इससे पहले की मैनेजिंग डायरेक्टर महिला थी. इसका मतलब चीजें काफी बदल गई हैं और काफी महत्वपूर्ण है कि आने वाले समय में हम अधिक महिलाओं को नेतृत्व करते देखें.
Source : Agency