मुंबई
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा है कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले कम से कम एक अभ्यास मैच खेलना चाहिये। भारतीय टीम को इस दौरे में इंडिया ए के साथ एक अभ्यास मैच खेलना था, जिसे प्रबंधन ने समय की कमी का हवाला देते हुए रद्द कर दिया है। वहीं गावस्कर का मानना है कि टीम के लिए लय हासिल करने अभ्यास मैच जरुरी है। इसलिए उसे सीरीज के बीच में भी अभ्यास मुकाबले खेलने का प्रयास करना चाहिये।
साथ ही कहा कि इससे जिन युवा खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया में कभी नहीं खेलना है उन्हें हालात के अनुसार ढलने का अवसर मिलेगा। ध्रुव जुरेल, सरफराज खान और यशस्वी जायसवाल जैसे युवा खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में पहली बार खेलेंगे। ऐसे में इन्हें गति और उछाल के साथ तालमेल बैठाने में कुछ समय जरुर लगेगा। गावस्कर ने कहा, मुझे लगता है कि टीम को अभ्यास मैच खेलने चाहिए। टेस्ट मैचों के बीच के अंतराल में उन्हें वास्तव में अभ्यास मैच खेलने चाहिए। सीनियर खिलाड़ियों के लिए नहीं पर जूनियर खिलाड़ियों के लिए भी जिन्होंने पहले कभी ऑस्ट्रेलिया में नहीं खेला है ये मैच जरुरी हैं। ऑस्ट्रेलिया ए टीम या क्वींसलैंड जैसी स्टेट टीम के खिलाफ भी अभ्यास मैच खेला जा सकता है। इससे जूनियर खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया में उछाल और पिचों का अभ्यस्त होने का अवसर मिलेगा।
गावस्कर ने कहा कि वे जितना हो सके उतना अभ्यास करें और थ्रो डाउन के बजाय नियमित गेंदबाजी खेलने पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा, बस अपने पर भरोसा रखकर जितना हो सके उतना अभ्यास करना चाहिये। मुझे लगता है कि थ्रोडाउन का सामना करना कुछ हद तक फायदेमंद है पर नियमित गेंदबाजी का सामना करना उससे ज़्यादा जरूरी है। इसलिए तेज गेंदबाजों का सामना करें। इसमें जरुरी नहीं कि आप जसप्रीत बुमराह का ही सामना करें पर आप दूसरों से 22 गज की बजाय 20 गज की दूरी से गेंदबाजी करने के लिए कह सकते हैं। इसलिए, गेंद जल्दी बल्ले पर आती है।
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