सुकमा.
सुकमा जिले में सक्रिय चार नक्सलियों के ने आत्मसमर्पण किया। छत्तीसगढ़ शासन की छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति एवं ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर तथा अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित कर पुलिस के बढ़ते प्रभाव से आत्मसमर्पण किया गया है। नक्सलियों को आत्मससमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में थाना जगरगुंडा पुलिस, 150 वाहिनी सीआरपीएफ एवं 201 कोबरा वाहिनी के आसूचना शाखा के कर्मिकों का विशेष प्रयास रहा है।
इन नक्सलियों ने किया सरेंडर —1. माड़वी भीमा पिता लालू (ग्राम पूवर्ती डीएकेएमएस सदस्य) उम्र लगभग 20 वर्ष निवासी पूवर्ती मिसीपारा थाना जगरगुण्ड़ा जिला सुकमा।2. माड़वी सुक्का पिता हिड़मा (ग्राम पूवर्ती डीएकेएमएस सदस्य) उम्र लगभग 32 वर्ष निवासी पूवर्ती बण्डीपारा थाना जगरगुण्ड़ा जिला सुकमा।3. कवासी बुधरा पिता आयतु (ग्राम पूवर्ती डीएकेएमएस सदस्य) उम्र लगभग 25 वर्ष निवासी पूवर्ती बण्डीपारा थाना जगरगुण्ड़ा जिला सुकमा।4. कुंजाम मुया पिता कुंजाम जोगा (ग्राम पूवर्ती डीएकेएमएस सदस्य) उम्र लगभग 25 वर्ष निवासी पूवर्ती मिसीपारा थाना जगरगुण्ड़ा जिला सुकमा।
नक्सल संगठन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा मे जुड़ने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला सुकमा में बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया है। उक्त नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में थाना जगरगुण्ड़ा पुलिस, 150 वाहिनी सीआरपीएफ एवं 201 वाहिनी कारेबरा के आसूचना शाखा कार्मिकों की विशेष योगदान रहा। उपरोक्त सदस्यों प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गों पर स्पाईक/बम लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर मार्ग अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध बेनर, नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाने एवं अन्य घटनाओं में शामिल रहे है। उक्त सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय कराये जायेंगे।
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