दौसा.
नवरात्रि से लगातार त्योहारों का उत्सव शुरू हो जाता है और नवरात्रि का इंतज़ार पूरे साल रहता है। जैसे ही नवरात्र आते हैं, वैसे ही देश भर में ज़ोरो-शोरो से लोग नवरात्रि मनाने में लग जाते हैं। इसमें अब यूरोप भी पीछे नहीं रहा। वैसे तो यह उत्सव नौ दिन तक मनाया जाता है और इस नवरात्रि उत्सव पर गरबा व डांडिया नाइट का आयोजन किया जाता है।
इधर, इसी कड़ी में विदेश में यूरोप में भी गरबे की धूम देखने को मिली। यूरोप में रहकर भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए जाने जानी वाली दौसा की बहू धोली मीना ने बताया कि वो यूरोप के माल्टा देश में भारतीय समुदाय के साथ नवरात्रि पर आयोजित गरबा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत पूजा-अर्चना करके की गई। इधर, धोली मीना ने पूजा-अर्चना करके सभी के कल्याण की कामना की। इसके बाद भारतीय समुदाय ने सामूहिक रूप से गरबा खेला। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में भारतीय समुदाय के लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में आकर्षित इनाम भी रखे गये। साथ ही में कार्यक्रम में यूरोपियन लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यूरोपियन लोगों को धोली मीना ने गरबा के बारे में जानकारी दी और उनको बताया कि गरबा कैसे किया जाता है एवं गरबे के महत्व के बारे में बताया। धोली मीना ने यूरोपियन लोगों को बताया कि गरबा नृत्य, प्रजनन क्षमता का जश्न मनाता है। नारीत्व का सम्मान करता है और मातृ देवियों के सभी नौ रूपों का सम्मान करता है। साथ ही उपस्थित यूरोपियन लोगों ने धोली मीना को बताया कि उनको भारत एवं भारत की संस्कृति खासकर राजस्थान से बेहद लगाव है। उन्होंने धोली को बताया कि वो भारत यात्रा के दौरान राजस्थान घूमकर गए एवं उनको राजस्थानी संस्कृति, खान-पान एवं मेहमाननवाजी बहुत पसंद आई। गरबा न सिर्फ गुजरात व राजस्थान, बल्कि देश के हर कोने में एवं विदेश में कई देशों में भारतीय समुदाय द्वारा खेला जाता है। गरबा के साथ ही ऐसे कुछ लोक नृत्य, भारत के कई हिस्सों में भी पाए जाते हैं। मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व में तमिलनाडु में और गुजरात के उत्तर पूर्वी पड़ोसी राजस्थान में भी।
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