वॉशिंगटन.
कुछ हफ्ते पहले तक डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की रेस में आगे चल रहे थे। पेंसिल्वेनिया की रैली में हुए जानलेवा हमले के बाद तो ट्रंप की लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल आया था। हालांकि जैसे ही बाइडन ने राष्ट्रपति पद की रेस से हटने और अपनी जगह कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का एलान किया तो धीरे धीरे हालात बदलने शुरू हो गए।
अब स्थिति ये है कि ट्रंप बैकफुट पर नजर आ रहे हैं और उन्हें मीडिया कवरेज में भी वह कमला हैरिस से पिछड़ गए हैं। हाल के दिनों तक डोनाल्ड ट्रंप, कमला हैरिस पर निजी हमले कर रहे थे और उनके रंग और उनके भारतीय और अफ्रीकी होने को लेकर टिप्पणी कर रहे थे। हालांकि उनकी ही पार्टी के कई नेताओं ने ट्रंप को कमला हैरिस पर निजी टिप्पणियों को लेकर आगाह किया। अब लग रहा है कि ट्रंप को भी यह बात समझ आ गई है तो वह निजी हमले छोड़कर नीतियों पर बात करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने वेटर्स को मिलने वाली टिप पर टैक्स खत्म करने की बात कही। साथ ही नेवादा में हिस्पैनिक मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल राष्ट्रपति चुनाव में नेवादा राज्य की भूमिका अहम होगी।
मीडिया कवरेज में भी पिछड़े ट्रंप
राष्ट्रपति पद की रेस में बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रॉबर्ट एफ. कैनेडी ने भी हाल ही में उम्मीदवारी से हटने का फैसला किया है। साथ ही उन्होंने ट्रंप को समर्थन देने का एलान किया। हालांकि ट्रंप को इसका फायदा मिलता भी नहीं दिख रहा है। मीडिया कवरेज में भी ट्रंप कमला हैरिस से पिछड़ गए हैं। खासकर हाल ही में शिकागो में हुए डेमोक्रेटिक पार्टी के कन्वेंशन के दौरान कमला हैरिस सुर्खियों में बनीं रहीं। साथ ही कन्वेंशन के दौरान कमला हैरिस ने जो संबोधन दिया, उसकी भी तारीफ हुई। कन्वेंशन के दौरान ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर कमला हैरिस की आलोचना करने की कोशिश की, लेकिन मीडिया ने उन्हें ज्यादा भाव नहीं दिया। राजनीति के जानकारों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप भी ये समझ रहे हैं। फंड जुटाने के मामले में भी ट्रंप, कमला हैरिस से पिछड़ गए हैं। हालिया सर्वे में साफ है कि कमला हैरिस ने ट्रंप पर बढ़त बना ली है। अब देखने वाली बात ये है कि क्या कमला हैरिस की यह बढ़त बरकरार रहती है या फिर ट्रंप फिर से मजबूत होकर उभरते हैं।
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