Friday, 20 September

भोपाल
एमपी में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। भोपाल में हमीदिया और एम्स के बाद अब निजी अस्पतालों ने भी आज ओपीडी बंद रखी है। प्राइवेट अस्पताल अक्षय हार्ट, नेशनल अस्पताल, सिद्धांता सहित भोपाल के कई अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सुविधा चालू है।हड़ताल को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इसमें हड़ताल को गलत बताया गया है। हाईकोर्ट ने इस पर जूडा को नोटिस जारी किया है। इस मामले में आज सुनवाई होगी।

हड़ताल के चलते शुक्रवार को हमीदिया की ओपीडी में करीब 38 फीसदी मरीजों की कमी देखी गई। एम्स में भी यही हालत थे, यहां करीब 500 से अधिक मरीज कम पहुंचे।

प्राइवेट अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी सर्विसेज

एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया, एमपी चैप्टर (AHPI-MP) के अध्यक्ष डॉ. अनूप हजेला ने बताया- इमरजेंसी सर्विसेस चालू रहेंगी, प्राइवेट हॉस्पिटल्स की ओपीडी बंद रहेगी। न्यूरो फिजीशियन डॉ. नीरेंद्र राय ने कहा- प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी मरीज और IPD यानी भर्ती मरीजों को ही देखा जाएगा। इस लिस्ट में करीब 350 प्राइवेट अस्पताल शामिल रहेंगे।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया।

इसलिए हो रहा विरोध

शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ मध्य प्रदेश के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने बताया- केंद्र और राज्य ने अपने-अपने अनुसार डॉक्टर के लिए कई तरह के कानून बना रखे हैं मगर डॉक्टर के लिए कोई भी केंद्रीय कानून अभी तक नहीं बनाया गया। लगातार मांग की जा रही है कि एक सेंट्रलाइज कानून लाया जाए।

हड़ताल को लेकर आज हाईकोर्ट में सुनवाई

हड़ताल को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है। इस पर आज सुनवाई होगी। अधिवक्ता अभिषेक पांडे ने बताया कि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक निर्देश दिया था। जिसमें कहा था कि मेडिकल सुविधा एसेंशियल सर्विस में आती है। जिससे मरीजों को परेशानी होती है।

इसके तहत डॉक्टर किसी भी तरह की हड़ताल में नहीं जा सकते हैं। हमने हाईकोर्ट के इस ऑर्डर के उल्लंघन के विरोध में जनहित याचिका लगाई है।

जूडा अध्यक्ष डॉ. नयन जैन ने बताया कि इंदौर में 700 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं।

जूडा अध्यक्ष डॉ. नयन जैन ने बताया कि इंदौर में 700 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं।

 शहडोल मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स भी चिंतित हैंं। इन्होंने आज  कॉलेज कैंपस में ही विरोध प्रदर्शन किया और अपनी सेवाएं नहीं दीं। विरोध प्रदर्शन करते हुए इन डॉक्टरों ने ओपीडी को पूरी तरह से बंद रखा, लेकिन आकस्मिक सेवाएं चालू रखीं जिससे गंभीर मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न हो। हालांकि सामान्य मरीज परेशान होते देखे गए। इन डॉक्टरों ने दिन भर शुक्रवार को अपना काम बंद कर विरोध जताया और इंसाफ की मांग की।

डॉ. प्रदीप पाठक ने कहा कि इस क्रूर और अमानवीय कृत्य की परत दर परत जिस तरह खुलकर सामने आ रही है, उससे डॉक्टर्स कम्युनिटी और महिलाओं के बीच असुरक्षा का माहौल है। इस तरह का माहौल देखकर, जिससे अंदर तक आत्मा हिल गई है। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि पीड़िता को न्याय दिलाने की जगह आरोपितों को बचाने की कोशिश अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।


डॉ. आरडी खरात ने कहा कि इस घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर मेडिकल कॉलेज जैसी जगह पर डॉक्टर्स सुरक्षित नहीं हैं तो किस भरोसे अभिभावक अपनी बेटियों को पढ़ने बाहर भेजें। निर्भया केस के बाद बने कठोर क़ानून भी ऐसे अपराधों को रोक पाने में असफल दिख रहे हैं। कठुआ से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ती घटनाओं पर हर राजनीतिक दल, हर वर्ग को मिलकर गंभीर विचार.विमर्श कर ठोस उपाय करने होंगे। मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों ने कहा कि हम सब इस असहनीय कष्ट में पीड़िता के परिवार के साथ हैं। उन्हें हर हाल में न्याय मिले और दोषियों को ऐसी सज़ा मिले जो समाज में एक नजीर की तरह प्रस्तुत की जाए।

भोपाल में इन अस्पतालों में ओपीडी बंद

    नेशनल हॉस्पिटल
    हजेला हॉस्पिटल
    अक्षय हार्ट हॉस्पिटल
    सिद्दांता रेडक्रास हॉस्पिटल
    गेस्ट्रो केयर हॉस्पिटल
    चिरायु
    अन्य प्राइवेट अस्पताल

हड़ताल में ये संगठन शामिल

इस हड़ताल में यूनाइटेड डॉक्टर फेडरेशन, चिकित्सक महासंघ, प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर एसोसिएशन मध्य प्रदेश, मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन मध्य प्रदेश, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन मध्यप्रदेश, ईएसआई मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन मध्य प्रदेश, मेडिकल ऑफिसर मेडिकल एजुकेशन मध्य प्रदेश, होम डिपार्टमेंट एसोसिएशन मध्य प्रदेश शामिल हैं।

भोपाल-इंदौर समेत कई जिलों में प्रदर्शन

कोलकाता में 8 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप के बाद हत्या के विरोध में देशभर में डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन जारी है। भोपाल में एम्स के बाद हमीदिया अस्पताल के जूनियर डॉक्टर ने गुरुवार रात 12 बजे से काम बंद कर दिया है। इंदौर में भी जूनियर डॉक्टर्स इमरजेंसी केस ही देख रहे हैं।

 


Source : Agency

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