मुंबई
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार पूरा हो चुका है। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान 39 विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली। शपथ लेने वालों में चंद्रशेखर बावनकुले, नितेश राणे और पंकजा मुंडे समेत भाजपा के दिग्गज नेताओं ने शपथ ली। शिवसेना की तरफ से गुलाबराव पाटिल, भारत गोगवले, संजय शिरसाट ने शपथ ली। एनसीपी की तरफ से छगन भुजबल और हसन मुश्रिफ समेत कई दिग्गजों को मंत्री बनाया गया है। हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले नाराजगी की खबरें भी सामने आईं। शिवसेना नेता नरेंद्र भेंडिकर ने मंत्री पद न मिलने से विधानसभा उपनेता पद से इस्तीफा दे दिया।
महाराष्ट्र में इन नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली-
भाजपा के नितेश राणे, आकाश फुंडकर, एनसीपी के बाबासाहेब पाटिल, शिवसेना के प्रकाश अबितकर ने महाराष्ट्र के मंत्रिपद की शपथ ली।
मराठा कुनबी समुदाय के नेता और महाड़ से शिवसेना विधायक भारत गोगवले, भाजपा विधायक नितेश राणे ने मंत्रिपद की शपथ ली।
एकनाथ शिंदे के करीबी संजय शिरसाट ने मंत्रिपद की शपथ ली। उनके अलावा मराठा समुदाय के बड़े नेता प्रताप सरनाइक ने भी मंत्रिपद की शपथ ली।
नरहरि झिरवाल, दत्तात्रेय भरणे, अदिति तटकरे, संजय सावकारे ने मंत्रिपद की शपथ ली।
सतारा सीट से भाजपा विधायक शिवेंद्र राजे, नासिक की सिन्नर सीट से एनसीपी विधायक माणिकराव कोकाटे और जयकुमार गोरे ने मंत्रिपद की शपथ ली।
फडणवीस के करीबी नेता और रालेगांव से भाजपा विधायक अशोक उइके ने मंत्रिपद की शपथ ली। शिवसेना विधायक शंभूराज देसाई, मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीश शेलार. चंद्रकांत पाटिल, धनंजय मुंडे और राधा कृष्ण पाटिल ने भी मंत्रिपद की शपथ ली।
पंकजा मुंडे ने फडणवीस सरकार में मंत्रिपद की शपथ ली। वह बीड की पराली सीट से विधानसभा चुनाव जीतीं थी। उनके बाद भाजपा नेता अतुल सावे ने मंत्री पद की शपथ ली।
भाजपा विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा, शिंदे गुट के नेता उदय सामंत और भाजपा के सीनियर नेता जय कुमार रावल ने मंत्रिपद की शपथ ली।
गुलाबराव के बाद शिवसेना विधायकों गणेश नाइक, मालेगांव आउटर से विधायक दादा भुसे और संजय राठौड़ ने मंत्रिपद की शपथ ली।
शिवसेना नेता और विधायक गुलाबराव पाटिल ने मंत्रिपद की शपथ ली। गुलाबराव ने शिवसेना नेताओं की तरफ से सबसे पहले शपथ ली। वो एक वक्त उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाते थे, लेकिन बाद में एकनाथ शिंदे से जुड़ गए।
भाजपा विधायक गिरीश महाजन ने भी मंत्रिपद की शपथ ली। वो सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं।
भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बाद मुस्लिम नेता और कोल्हापुर के कागल से एनसीपी विधायक हसन मुश्रिफ ने मंत्रिपद की शपथ ली। हसन अजित पवार के साथ उन नेताओं में एक हैं, जिन्होंने शरद पवार के खिलाफ बगावत की थी।
मंत्रियों का ढाई साल कार्यकाल
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि देवेंद्र फडणवीस सरकार मेंमंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों का कार्यकाल सिर्फ ढाई साल का होगा। शिवसेना और एनसीपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कई मंत्रियों से बाकायदा एफिडेविट भी लिखाया गया है। इसके पीछे की मंशा यह है कि ढाई साल के बाद और विधायकों को मंत्री पद का मौका मिलेगा। इसमें ढाई साल के भीतर कार्यकुशलता और विकास परियोजनाओं को भी परखा जाएगा। सूत्रों का यह भी कहना है कि कई ऐसे विधायक हैं, जो दो से तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए ढाई साल का फॉर्मूला रखा जा सकता है।
इससे पहले सीएम फडणवीस ने नवगठित सरकार की प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं ने राज्य में लागू की जाने वाली योजनाओं और परियोजनाओं पर भी चर्चा की। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने 230 सीटें जीतकर जबरदस्त सफलता हासिल की थी। चुनाव में भाजपा को 132, शिवसेना शिंदे समूह को 57 तथा अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 41 सीटें मिली।
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