Tuesday, 17 December

चंडीगढ़।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी वीरेंद्र सिंह ने हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग की है। चौधरी वीरेंद्र सिंह के बयान से हरियाणा में राजनितिक माहौल गरमा गया है। चौधरी वीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस की हालिया हार पर तीखी टिप्पणी की और कहा कि इस हार के पीछे कई कारण हैं।

उन्होंने सीधे तौर पर कहा, “हरियाणा में कांग्रेस का संगठन मजबूत नहीं है और यही कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण बना।” उन्होंने कांग्रेस में बड़े बदलाव की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि पार्टी को हरियाणा की जनता के और करीब लाने के लिए बड़े आंदोलन की जरूरत है। चौधरी वीरेंद्र सिंह ने किसी का नाम लिए बिना कहा, “हरियाणा में सब कुछ एक नेता के नाम पर केंद्रित था। यह गलत संदेश गया कि कांग्रेस की सरकार नहीं, बल्कि एक व्यक्ति की सरकार बन रही है। हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने पद से इस्तीफा दे। राजनीति में ऐसा हमेशा होता रहा है, लेकिन मुझे आश्चर्य है कि हरियाणा में अब तक ऐसा क्यों नहीं हुआ। भाजपा पर भी लगाए गंभीर आरोप वीरेंद्र सिंह ने भाजपा पर भी हमला बोला और कहा कि पार्टी ने बागी कांग्रेस नेताओं पर खूब पैसा खर्च किया और चुनाव में सत्ता, मशीनरी और वित्तीय संसाधनों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि ईवीएम के अलावा हरियाणा में कई बाहरी ताकतों ने भी काम किया। जब धर्म कार्ड काम नहीं आया तो जातिगत ध्रुवीकरण का सहारा लिया गया।” “मेरा लक्ष्य हरियाणा को कांग्रेस की जनता की पार्टी बनाना है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मैं हरियाणा में बड़ा आंदोलन चलाऊंगा और कांग्रेस को फिर से हरियाणा की जनता की पार्टी बनाऊंगा। मेरा लक्ष्य है कि पार्टी हर वर्ग और हर समुदाय तक पहुंचे।

चुनावी रणनीति पर सवाल
वीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी में संगठन की कमी और नेतृत्व की गलतियां हार का मुख्य कारण बनीं। उन्होंने कहा कि यह समय आत्ममंथन का है और अगर पार्टी में बदलाव नहीं हुआ तो जनता से जुड़ने का सपना अधूरा रह जाएगा। चौधरी वीरेंद्र सिंह के इस बयान से हरियाणा कांग्रेस में हलचल मच गई है। अब देखना यह है कि पार्टी नेतृत्व इस पर क्या कार्रवाई करता है और क्या प्रदेश अध्यक्ष अपने पद से इस्तीफा देंगे।


Source : Agency

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