भोपाल
छत्तीसगढ़ पर बना अवदाब का क्षेत्र गहरे कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होकर पूर्वी मध्य प्रदेश के आसपास सक्रिय हो गया है। मानसून द्रोणिका भी प्रदेश से होकर गुजर रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, प्रभावी मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में फिर झमाझम वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया है। सागर, जबलपुर, नर्मदापुरम और भोपाल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं अतिभारी वर्षा होने के आसार हैं। ग्वालियर, उज्जैन संभाग के जिलों में भी कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। शेष क्षेत्रों में मध्यम स्तर की वर्षा होने की संभावना है।
मौसम प्रणाली
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्वी मप्र के आसपास गहरा कम दबाव का क्षेत्र मौजूद है। मानसून द्रोणिका बीकानेर, कोटा, गुना, उमरिया से गहरे कम दबाव के क्षेत्र से होकर पुरी, बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। दक्षिणी गुजरात पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात भी मौजूद है। दक्षिणी गुजरात से लेकर केरल तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है।
फिर एक्टिव हुआ सिस्टम
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि गहरा कम दबाव का क्षेत्र बुधवार शाम तक उत्तरी मप्र तक पहुंच जाएगा। इसके बाद एक बार पुन: ऊर्जावान होकर अवदाब के क्षेत्र में भी बदल सकता है। इसके असर से गुरुवार-शुक्रवार को भी प्रदेश में अच्छी वर्षा होने की संभावना है।
कहां कितनी वर्षा
ताकतवर मौसम प्रणाली के असर से प्रदेश में मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सिवनी में 162 (6.3 इंच), मलाजखंड में 78, मंडला में 69, छिंदवाड़ा में 57, उमरिया एवं गुना में 23, पचमढ़ी में 22, खरगोन में 17, नरसिंहपुर में 13, धार में 12, सागर में नौ, जबलपुर एवं रतलाम में आठ मिमी.बारिश हुई। भोपाल में छह, रीवा में पांच, सतना में चार, इंदौर में तीन और दमोह एवं बैतूल में दो मिलीमीटर वर्षा हुई। बता दें कि इस सीजन में एक जून से लेकर 10 सितंबर की सुबह साढ़े आठ बजे तक प्रदेश में 942.8 मिमी. वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य वर्षा (862.5 मिमी) की तुलना में नौ प्रतिशत अधिक है।
Source : Agency