Tuesday, 17 December

जगदलपुर.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध ‘बस्तर दशहरा पर्व’ आस्था और परंपरा का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, जो सर्वाधिक लम्बी अवधि तक मनाया जाता है। इस बस्तर दशहरा पर्व को बस्तर अंचल के सभी लोग पूरी श्रद्धा-आस्था के साथ मनाते हैं और इसमें सक्रिय सहभागिता निभाते हैं। वहीं ऐतिहासिक बस्तर दशहरा अब देश-दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध हो गया है, जिससे अब पर्यटकों की वृद्धि के साथ ही स्थानीय लोगों की आय संवृद्धि को बल मिला है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मंगलवार को ऐतिहासिक सिरहासार भवन में आयोजित विश्वप्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व के मुरिया दरबार को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बस्तर दशहरा पर्व आस्था का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, जो मां दंतेश्वरी के आशीर्वाद से बस्तरवासियों की अगाध श्रद्धा और सभी लोगों के सहयोग के साथ इस वर्ष भी सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। उन्होंने इस अवसर पर माडिया सराय में विकास कार्य हेतु 50 लाख रुपये की घोषणा की। वहीं मांझी-चालकी और मेम्बर-मेंबरीन के मानदेय में बढ़ोतरी हेतु प्रशासन और बस्तर दशहरा समिति से प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर दशहरा पर्व के ऐतिहासिक मुरिया दरबार में सम्मिलित होने पर खुशी व्यक्त करते हुए इसे एक अनोखी परम्परा निरूपित करते हुए कहा कि यह सदियों से चली आ रही है और ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व हमारी समृद्ध संस्कृति का घोतक है, जिसे हम सभी एकजुट होकर श्रद्धा और सहकार की भावना के साथ हर्षोल्लास एवं उल्लासमय ढंग से मनाते हैं। मुख्यमंत्री ने करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से विकसित दशराहा पसरा को बस्तर दशहरा पर्व में आए मांझी-चालकी तथा अन्य लोगों की सुविधाएं मुहैया करवाने की दिशा में सार्थक प्रयास निरूपित करते हुए कहा कि बस्तर दशहरा पर्व के लिए पूर्व में निर्धारित बजट को 50 लाख रुपये कर दिया गया है। उन्होंने मुरिया दरबार में मांझी चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन और बस्तर दशहरा समिति के पदाधिकारियों द्वारा अवगत करवाए गए मांग एवं समस्याओं को निराकृत किए जाने की कटिबद्धता व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व में सक्रिय सहभागिता निभाने के लिए सभी लोगों को अपनी अशेष बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने मुरिया दरबार में बस्तर विकास प्राधिकरण के पुरखती कागजात का अंग्रेजी संस्करण का विमोचन भी किया, बस्तर दशहरा पर्व के ऐतिहासिक मुरिया दरबार में बस्तर अंचल के मंत्री,सांसद एवं विधायकों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बस्तर राज परिवार के सदस्य एवं माटी पुजारी कमलचन्द्र भंजदेव, बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष, बस्तर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों से आये मांझी-चालकी, मेम्बर मेम्बरीन तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, ग्रामीणजन सम्मिलित हुए। इस अवसर पर माटी पुजारी कमलचन्द्र भंजदेव ने बस्तर दशहरा पर्व के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी देते हुए इसे सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण रेखांकित किया। उन्होंने बस्तर दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए आने वाले देवी-देवताओं हेतु देव सराय की व्यवस्था तथा मांझी-चालकी, पुजारी,गायता सहित ग्रामीणों के ठहरने के लिए बेहतर सुविधाओं की बेहतर सुलभता के लिए राज्य सरकार के पहल को सराहनीय निरूपित किया। मुरिया दरबार में वन मंत्री  केदार कश्यप सहित सांसद बस्तर एवं अध्यक्ष बस्तर दशहरा समिति  महेश कश्यप और विधायक जगदलपुर किरणदेव ने बस्तरवासियों को बस्तर दशहरा पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस दौरान बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष लक्ष्मण मांझी ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व सभी के सहयोग तथा व्यापक सहभागिता से सफलतापूर्वक संपन्न हुई। आने वाले साल में इसे और अधिक  बेहतर और भव्यता के साथ मनाएंगे। इस अवसर पर मांझी-चालकी और मेम्बर-मेम्बरीन को मोबाइल प्रदान किया गया।


Source : Agency

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