धनबाद।
झारखंड के धनबाद जिले के एक स्कूल में छात्राओं की शर्ट उतरवाने के मामले में जांच दल ने स्कूल का दौरा कर प्रिंसिपल का चैंबर सील कर दिया है। इससे पहले झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को जांच के निर्देश दिए थे।
प्राधिकरण के निर्देश के बाद धनबाद के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार ने तिवारी ने कानूनी और रक्षा परिषद प्रणाली (LDCS) के प्रमुख कुमार विमलेंदु की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय समिति का गठन किया। प्राधिकरण के सचिव राकेश रोशन ने कहा कि समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। प्रिंसिपल पर आरोप है कि उन्होंने 10वीं कक्षा की 80 लड़कियों को एक-दूसरे की कमीजों पर संदेश लिखने पर शर्ट उतारने का आदेश दिया, जिसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू कर दी। अभिभावकों ने आरोप लगाया था कि लड़कियों को बिना शर्ट के सिर्फ ब्लेजर में घर लौटने के लिए मजबूर किया गया था। झालसा के निर्देश के बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश व धनबाद डीएलएसए के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार तिवारी ने नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। डीएलएसए सचिव राकेश रोशन ने कहा कि समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि समिति के सदस्यों ने रविवार को स्कूल का दौरा किया और सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रिंसिपल के चैंबर को सील कर दिया। पीड़ितों और अभिभावकों के बयान भी दर्ज किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि समिति के सदस्यों ने रविवार को स्कूल का दौरा किया। इस दौरान टीम ने स्कूल की प्रधानाचार्या के कक्ष को सील कर दिया। ताकि वह सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ न कर सकें। पीड़ितों और अभिभावकों के बयान भी दर्ज किये गये। इससे पहले रविवार को झारखंड अभिभावक महासंघ (जेएएम) ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) में शिकायत दर्ज कराई। इसमें प्रधानाचार्या पर शर्मनाक कृत्य करने का आरोप लगाया गया। साथ ही पोक्सो अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की मांग की। इसके अलावा सोमवार को धनबाद प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति ने स्कूल का दौरा किया।
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