नई दिल्ली। संसद में सवाल के लिए पैसे यानि Cash For Querry मामले में फंसीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एक बार फिर एथिक्स कमेटी पर निशाना साधा है। उन्होंने रविवार 5 नवंबर को X पर लिखा कि कमेटी की तरफ से पूछे गए सवाल घटिया और अप्रासंगिक थे। इसके मेरे पास रिकॉर्ड हैं। एथिक्स कमेटी के चेयरमैन बेहूदा और बेशर्म हैं।
महुआ ने आगे कहा कि यह जानकर मेरी रूह कांप रही है कि भाजपा मेरे खिलाफ क्रिमिनल केस बनाने की प्लानिंग कर रही है। मेरे पास कितने जोड़ी जूते जानने के बजाय सीबीआई और ईडी अडाणी पर 13000 करोड़ रुपए के कोयला घोटाले में FIR करे ।
दरअसल, मोइत्रा 2 नवंबर को सुबह 10:50 बजे संसद की एथिक्स कमेटी के दफ्तर पहुंची थीं। पूछताछ बीच में ही छोड़कर हुआ करीब पौने 4 घंटे बाद कमेटी के दफ्तर से नाराज होकर बाहर निकलीं । उन्होंने कमेटी के चेयरमैन पर अपमानजनक सवाल करने के आरोप लगाए।
महुआ ने इसे लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को लेटर भी लिखा है। इसमें महुआ ने ये भी लिखा कि चेयरमैन विनोद सोनकर का बर्ताव अनैतिक, घिनौना और पूर्वाग्रह से भरा था।
महुआ के एथिक्स कमेटी पर आरोप के बाद बयान…
• TMC ने एथिक्स कमेटी के चेयरमैन की तुलना धृतराष्ट्र से की। वहीं बाकी सदस्यों को दुर्योधन बताया। मंत्री शशि पांजा ने कहा- पैनल ने एक निर्वाचित महिला सांसद के खिलाफ सुनवाई के दौरान उनका अपमान किया। जब पैनल के सदस्य दुर्योधन की तरह आनंद ले रहे थे, तो अध्यक्ष धृतराष्ट्र की तरह बैठे थे।
• कांग्रेस के सांसद उत्तम रेड्डी ने कहा कि महुआ मोइत्रा को निशाना बनाया जा रहा है। मैंने महुआ मोइत्रा से कोई असंसदीय भाषा नहीं सुनी है। निशिकांत दुबे को भाजपा, महुआ पर निशाना साधने के लिए पॉइंट मैन के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।
एथिक्स कमेटी में पूछताछ, बायकॉट और उसके बाद महुआ के बयान….
1. कमेटी का नाम बदल देना चाहिए, क्योंकि इसमें नैतिकता नहीं बची: महुआ ने कहा- समिति को एथिक्स कमेटी (आचार समिति) के बजाय कोई अन्य नाम देना चाहिए, क्योंकि इसमें कोई नैतिकता नहीं बची है।
चेयरपर्सन ने दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक तरीके से सवाल किए। वहां मौजूद 11 में से 5 सदस्यों ने पूछताछ का बहिष्कार किया
2. महुआ ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को लेटर
लिखा: इस चिट्ठी में चेयरमैन विनोद सोनकर का बर्ताव
अनैतिक, घिनौना और पूर्वाग्रह से भरा बताया। महुआ ने
ये अनुरोध भी किया कि पोर्टल के लॉगिन और पासवर्ड
को साझा करने वाले नियमों का खुलासा करें। ये कभी
सांसदों को क्यों नहीं बताए जाते। यदि वे (नियम) थे तो
हरेक सांसद इस ID और लॉगिन को कई लोगों के साथ
साझा क्यों कर रहा है?
3. मेरी गरिमा को तार-तार करने वाले प्रश्न पूछे : मैंने बार-बार विरोध जताया, ये कार्यवाही के रिकॉर्ड में है। एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष मुझसे मुद्दे से संबंधित प्रासंगिक कोई भी सवाल जैसे लॉगिन, गिफ्ट लेने के आरोप…लेकिन इन पर कोई प्रश्न नहीं हुआ। एक महिला के रूप में मेरी गरिमा को तार-तार करने वाले व्यक्तिगत सवाल पूछे गए।
4. ‘चेयरमैन पूछते हैं- रात में किससे बात करती हैं’ : महुआ मोइत्रा, दानिश अली और अन्य विपक्षी सांसद भड़कते हुए गुरुवार दोपहर 3:35 बजे एथिक्स कमेटी के दफ्तर से बाहर निकले। जब इनसे गुस्से का कारण पूछा गया तो दानिश अली बोले- चेयरमैन पूछ रहे हैं कि रात में किससे बात करती हैं, क्या बात करती हैं। ये कैसी एथिक्स कमेटी है, जो अनैतिक सवाल पूछ रही है।
इस केस की मुख्य पात्र महुआ मोइत्रा हैं, जिन पर सारे आरोप हैं। TMC सांसद महुआ मोइत्रा मूलत: बैंकर हैं। बेसिक एजुकेशन के बाद मोइत्रा हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका गईं। बाद में उनकी नौकरी लंदन के एक प्रतिष्ठित बैंक में लगी ।
कुछ सालों में उनका नौकरी से मोह भंग हुआ और वे राजनीति में कूदीं। उन्होंने 2016 में पहला चुनाव पश्चिम बंगाल के करीम नगर विधानसभा से जीता था। 2019 में वे TMC के टिकट पर कृष्णानगर से लोकसभा ‘चुनाव लड़ी और जीतीं।