Friday, 3 January

मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने लोन फ्रॉड मामले में चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी को अवैध बताया है। सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि CBI ने चंदा और दीपक कोचर की गिरफ्तारी बिना दिमाग लगाए और कानून का उचित सम्मान किए बिना की है।इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह पावर का

दुरुपयोग है।

जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई और एन आर बोरकर की डिवीजन बेंच ने 6 फरवरी को ICICI बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) चंदा कोचर और दीपक कोचर की गिरफ्तारी को अवैध ठहराया था। वहीं जनवरी 2023 में एक दूसरी बेंच ने उन्हें जमानत देने के अंतरिम आदेश की पुष्टि की थी।

कानून का सम्मान किए बिना इस तरह की गिरफ्तारी शक्ति का दुरुपयोग

अब कोर्ट ने कहा कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) उन परिस्थितियों या सपोर्टिव मटेरियल को प्रदर्शित करने में असमर्थ रही है, जिसके आधार पर गिरफ्तारी का फैसला लिया गया था। कोर्ट ने कहा कि ऐसी परिस्थितियां गिरफ्तारी को अवैध बना देती हैं। अदालत ने कहा, ‘दिमाग का इस्तेमाल किए बिना और कानून का सम्मान किए बिना इस तरह की नियमित गिरफ्तारी शक्ति का दुरुपयोग है।’

कोर्ट ने जांच एजेंसी की इस दलील को भी मानने से इनकार कर दिया कि गिरफ्तारी इसलिए की गई, क्योंकि कोचर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। इस पर कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को पूछताछ के दौरान चुप रहने का अधिकार है।

CBI ने 23 दिसंबर 2022 को चंदा और दीपक को किया था गिरफ्तार

वीडियोकॉन-ICICI बैंक लोन मामले में CBI ने 23 दिसंबर 2022 को चंदा और दीपक को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्होंने तुरंत गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया और इसे अवैध घोषित करने की मांग की थी। इसके अलावा अंतरिम आदेश के माध्यम से जमानत पर रिहा करने की मांग भी की थी।

9 जनवरी 2023 को अदालत ने एक अंतरिम आदेश में कोचर को जमानत दे दी थी। यह देखते हुए कि CBI ने लापरवाही से और बिना दिमाग लगाए गिरफ्तारी की थी। वहीं 6 फरवरी के आदेश में बेंच ने कहा कि क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) की धारा 41A को नियमित गिरफ्तारी से बचने के लिए पेश किया गया था।

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