झुंझुनूं.
राजस्थान के सात सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। 2023 के विधानसभा चुनाव में इन सात सीटों में से चार पर कांग्रेस को सफलता मिली थी। वहीं, भाजपा महज एक सीट जीतने में सफल रही थी। बाकि बची दो सीटों पर एक पर BAP और एक पर हनुमान बेनीवाल को जीत मिली थी।
राजस्थान में हुए उपचुनावों बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए तीन सीटों पर जीत पक्की कर ली है। रामगढ़ सीट पर फिलहाल कांटे का मुकाबला चल रहा है। देवली उनियारा में बीजेपी के राजेंद्र गुर्जर, झुंझुनूं में राजेंद्र भांबू और खींवसर में रेवतराम डांगा की जीत तय हो चुकी है। राजस्थान विधानसभा में बीजेपी विधायकों की संख्या बढ़ना तय हो गया है। उपचुनावों के नतीजे बीजेपी पक्ष में आ रहे हैं। कुल सात सीटों पर हुए उपचुनावों में से बीजेपी तीन पर जीत लायक बढ़त बना चुकी है। वहीं, रामगढ़ सीट पर बीजेपी के सुखवंत और कांग्रेस के आर्यन जुबेर के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। हालांकि, 15 राउंड की गिनती में बीजेपी 2011 वोटों से लीड ले चुकी है। लेकिन अभी यहां सात राउंड और बचे हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाले परिणाम झुंझुनूं और खींवसर में आए हैं। खींवसर में आरएलपी की कनिका बेनीवाल कड़े मुकाबले में बीजेपी के रेवतराम डांगा से पिछड़ गई हैं। हालांकि, खींवसर का चुनाव हनुमान बेनीवाल के चेहरे पर लड़ा गया था। लेकिन कांग्रेस कैंप के वोट भी यहां बीजेपी में शिफ्ट हुए हैं, जिसके चलते रेवतराम डांगा 2023 के चुनावों के मुकाबले इस बार कहीं ज्यादा वोट लेकर आए हैं। रेवतराम को 2023 में 77433 वोट मिले थे लेकिन इस बार वे 18 राउंड पूरे होते-होते 102043 वोट ले चुके हैं। वहीं कनिका बेनीवाल का प्रदर्शन भी अच्छा रहा। साल 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में खींवसर सीट पर हनुमान 79492 वोट लेकर गए थे लेकिन कनिका 18वें राउंड तक 89833 वोट ले चुकी हैं।
अकेले पड़े हनुमान
खींवसर में हनुमान बेनीवाल इस बार अकेले पड़ गए। कांग्रेस कैंप के भी तमाम विधायकों की तरफ से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिला। बल्कि कांग्रेस के खाते के वोट यहां बीजेपी में जाते नजर आए। कांग्रेस प्रत्याशी रतन चौधरी की यहां जमानत तक जब्त हो गई। यानी यह चुनाव पूरी तरह हनुमान को हराने के लिए ही लड़ा गया है। खींवसर सीट पर 16 राउंड की गिनती पूरी होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रेवतराम से 11,000 से ज्यादा मतों से अपने निकटतम उम्मीदवार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की कनिका बेनीवाल से आगे चल रहे हैं, अभी चार राउंड की गिनती होना बाकी है।
झुंझुनूं में खिला कमल, BJP प्रत्याशी राजेन्द्र भांबू की हुई जीत
झुंझुनूं विधानसभा सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजेन्द्र भांबू का पलड़ा भारी लग रहा है। भाजपा और कांग्रेस के बीच झुंझुनूं विधानसभा सीट को लेकर खींचातानी चल रही है। दोनों ही पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली है। इस सीट से बीजेपी से राजेन्द्र भांबू कांग्रेस से अमित ओला और निर्दलीय उम्मीदवार राजेन्द्र गुढ़ा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। इस सीट से बीजेपी से राजेन्द्र भांबू की जीत हुई है। झुंझुनूं विधानसभा सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजेन्द्र भांबू का पलड़ा भारी रहा है। भाजपा और कांग्रेस के बीच झुंझुनूं विधानसभा सीट को लेकर खींचातानी चल रही है थी। दोनों ही पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर देखने के आसर थे। लेकिन इस सीट पर शुरू में निर्दलीय प्रत्याशी और उसके बाद लगातार कांग्रेस बढ़त बनाती रही। बीजेपी से राजेन्द्र भांबू कांग्रेस से अमित ओला और निर्दलीय उम्मीदवार राजेन्द्र गुढ़ा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की सभी संभावनाएं भी फेल हो गए। उपचुनाव में कुल 69 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें से सात विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक से एक विजेता का चयन किया जाएगा। इस सीट से बीजेपी से राजेन्द्र भांबू की जीत हुई है। झुंझुनूं विधानसभा सीट पर हर बार की तरह भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने के कयास लगाए जा रहे थे, पर इस सीट पर एकतरफा भाजपा ने काफी बढ़त बनाई।पिछले कई चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला रहा है। वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार राजेन्द्र गुढ़ा ने भी इस सीट पर जीत का परचम लहराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी, जो मुकाबले को और भी रोचक बना रहे थे, पर अंत में त्रिकोणीय मुकाबला तो बना नहीं पर कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचा। झुंझुनूं में उपचुनाव के दौरान मतदान की गति धीमी रही। मतदान शांतिपूर्ण रहा, लेकिन आम चुनाव 2023 की तुलना में उत्साह कम नजर आया। वर्ष 2023 में 72.71 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि उपचुनाव 2024 में 66.14 प्रतिशत मतदान हुआ। इस प्रकार कुल 6.57 प्रतिशत मतदान कम हुआ है।
निर्दलीय प्रत्याशी ने मारी सेंध
निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में राजेंद्र सिंह ने चुनाव मे लाल ठोकर कांग्रेस के मूल वोट मुस्लिम एससी एसटी में बड़ी सेंध मारी की है, जिसकी वजह से कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली इस सीट पर भाजपा को जीत हासिल हुई है। राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के भाई एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जगमोहन मीणा दौसा से चुनाव हार गए हैं। झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भांबू 42,599 वोटों से जीत गए हैं।
कहां से कौन चल रहा है आगे?
साल 2023 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले भाजपा को उपचुनावों में अब तक अच्छी खबर मिल रही है। झुंझुनूं, खींवसर से देवली उनियारा में बढ़त बनाए हुए है। वहीं, कांग्रेस की बात करें तो पार्टी दौसा और रामगढ़ में बढ़त बनाए हुए है। भारतीय आदिवासी पार्टी चौरासी और सलूंबर में बढ़त बनाए हुए है। बता दें कि 2023 में बाप के पास चौरासी थी।
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