पटना.
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के तीसरे चरण में बेगूसराय जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में समाहरणालय स्थित कारगिल विजय सभा भवन में समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षात्मक बैठक में बेगूसराय के जिलाधिकारी श्री तुषार सिंगला ने जिले के विकासकार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थाओं तथा वर्ष 2007 से नगरनिकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, इसके तहत अब तक 4 चुनाव होचुके हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिएहर प्रकार से काम किया है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी।वर्ष 2005 में जब हमलोगों की सरकार बिहार में बनी तो हम लोगों ने वर्ष 2006 में विष्व बैंकसे कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया। बिहार में अबस्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 31 लाखजीविका दीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदीहमलोगों ने ही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनायाऔर उसका नाम आजीविका दिया। बिहार में अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों कागठन शुरू कराया गया है। शहरी क्षेत्र में अब तक 26 हजार जीविका स्वयं सहायता समूह कागठन हो चुका है, जिनसे 3 लाख जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-2 योजना के तहत हमलोगों ने 10 लाख लोगों कोसरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर अब 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों कोरोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैयाकराया गया है। वर्ष 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों कोरोजगार मुहैया करा दिया जाएगा।
हम लोगों ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है।हमलोगों ने सभी पार्टियों के साथ बैठक कर बिहार में जाति आधारित गणना कराई, जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीबपरिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपनाजीविकोपार्जन कर सकें।
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