Tuesday, 21 January

सुपौल/पटना.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के क्रम में सुपौल जिले की ग्राम पंचायत बकौर, वार्ड नम्बर 5 तथा जिला मुख्यालय स्थित नवनिर्मितटाउन हॉल परिसर से 298.0729 करोड़ रुपये की 210 विकासात्मक योजनाओं का रिमोट केमाध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इसमें 13422.75 लाख रुपये की 52 योजनाओं काउद्घाटन तथा 16384.54 लाख रुपये की 158 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

मुख्यमंत्री ने सुपौल जिला अंतर्गत प्रखंड सुपौल की ग्राम पंचायत बकौर में पूर्वी कोसीतटबंध की कोसी नदी पर निर्माणाधीन भेजा-बकौर पुल का हवाई सर्वेक्षण कर निर्माण कार्यकी प्रगति का जायजा लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सुपौल प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायतबकौर की वार्ड संख्या 5 स्थित बिजलपुर पुनर्वास टोला का भ्रमण कर विभिन्न विभागों द्वाराकराए गए विकासात्मक कार्याे का मुआयना किया। मुआयना के क्रम में मुख्यमंत्री ने स्थानीयलोगों से बातचीत भी की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली योजना के तहतपरसौनी सार्वजनिक पोखर के चारों तरफ सीढ़ी घाट निर्माण कार्य, पेवर ब्लॉक पैदल मार्गनिर्माण कार्य एवं परसौनी सार्वजनिक पोखर के उड़ाही कार्य से संबंधित शिलापट्ट काअनावरण कर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात मुख्यमंत्री ने तालाब का निरीक्षण किया।मुख्यमंत्री ने परसौनी सार्वजनिक पोखर के चारों तरफ कराए गए सीढ़ीनुमा घाट के निर्माणकार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह अच्छा काम हुआ है। इससे लोगों को काफीसहूलियत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों एवं विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलका अवलोकन किया। अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से बातचीत की।उन्होंने कहा कि जीविका दीदियां पूरे बिहार में काफी अच्छा काम कर रही हैं। वर्ष 2005 मेंजब हमलोगों को बिहार में काम करने का मौका मिला तो हमने देखा कि यहां स्वयं सहायतासमूहों की संख्या नाम मात्र की है। हमलोगों ने विष्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहोंकी संख्या बढ़ानी शुरू की। अब बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजारहै, जिनसे 1 करोड़ 35 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। हमने ही स्वयं सहायता समूहों सेजुड़ी महिलाओं का नाम ‘जीविका दीदी’ दिया जिससे प्रेरित होकर तत्कालीन केंद्र सरकार नेइसका नाम ‘आजीविका’ किया। इससे बिहार की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में काफीसुधार आया है। स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। उनकापहनावा और बोलचाल भी काफी अच्छा हो गया है। वे लोगों से बेहिचक होकर बातें करनेलगी हैं। हमलोगों ने शहरी इलाकों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन कराना शुरू करदिया है। अब तक 26 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन शहरी क्षेत्रों में हो चुका है,जिनसे 3 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं। जीविका दीदियां बहुत अच्छा काम कर रहीहैं। हम जहां भी जाते हैं जीविका दीदियों से जरूर मिलते हैं। उनकी कोई आवश्यकताएं होतीहै तो सरकार उसे पूर्ण करती है। मैं आप सभी जीविका दीदियों को बधाई देता हूं।


Source : Agency

Share.
Exit mobile version