Friday, 10 January

पटना.

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 01 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प‘ में बिहार सरकार के सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित बिहार डायरी 2025 एवं कैलेण्डर 2025 का लोकार्पण कर राज्य की जनता को समर्पित किया। कार्यक्रम के दौरान सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव श्री अनुपम कुमार ने हरित पौधा भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। बिहार कैलेण्डर-2025 में राज्य में चलायी जा रही अग्रणी योजनाओं को समावेशित किया गया है।

जुलाई माह के पृष्ठ पर विधि व्यवस्था एवं पुलिस आधुनिकीकरण को दर्शाया गया है।राज्य में विधि व्यवस्था को सुदृढ़ करने के दृष्टिकोण से पुलिस आधुनिकीकरण पर बल दियाजा रहा है। आगजनी, दुर्घटना, पुलिस सहायता एवं मेडिकल इमरजेंसी समेत किसी भीआपात स्थिति में सहायता के लिए सिर्फ 112 नंबर को डायल करना होगा। यह निःशुल्क सेवाहै। इस पर आपात समय में कॉल करने पर महज 15 मिनट के अन्दर मदद पहुँचायी जातीहै। इस सेवा के सुगम संचालन के लिए बिहार पुलिस रेडियो कैम्पस स्थित नवनिर्मितइमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम के कमांड एवं कंट्रोल सेन्टर की शुरुआत की गयी है। इसकमांड एवं कंट्रोल सेन्टर का पूरा संचालन हमारी दक्ष महिला पुलिसकर्मियों के हाथों में है।
अगस्त माह के पृष्ठ पर कृषि क्षेत्र में किए गये विकास कार्यों को दर्शाया गया है। कृषिके समेकित विकास और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए राज्य में कृषि रोड मैपबनाकर योजनाएँ चलाई जा रही हैं। कृषि रोड मैप जैसी योजना चलाने वाला बिहार देश कापहला राज्य है। दिनांक 17 फरवरी, 2008 को प्रथम कृषि रोड मैप की नींव रखी गयी थी।इसमें गुणवत्तापूर्ण बीज, नये कृषि यंत्र, हरी खाद, वर्मी कम्पोस्ट तथा कृषि की नयी तकनीकोंको प्राथमिकता दी गयी थी। वहीं दूसरे एवं तीसरे कृषि रोड मैप का व्यापक विजन रखा गयाप्रत्येक भारतीय के थाल में बिहार का एक व्यंजन। तीसरे कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन केफलस्वरूप राज्य में धान, गेहूँ एवं मक्का की उत्पादकता पहले के मुकाबले दोगुनी हो गयीहै। साथ ही दूध, अंडा, माँस एवं मछली उत्पादन में काफी वृद्धि हुई तथा बिहार इन क्षेत्रों मेंलगभग आत्मनिर्भर हो गया है। वर्ष 2023 से 2028 के लिए चतुर्थ कृषि रोड मैप की शुरुआतमहामहिम राष्ट्रपति द्वारा की गयी है, जिसमें लगभग 1 लाख 62 हजार 268 करोड़ रुपये कीयोजनाओं पर 12 विभागों द्वारा मिलकर काम किया जा रहा है। चतुर्थ कृषि रोड मैप के द्वारादलहन एवं तिलहन फसलों का विकास, जलवायु अनुकूल कृषि तथा फसल चक्र में बदलाव,फसल विविधीकरण, जूट फसल के विकास एवं नयी तकनीकों के इस्तेमाल पर विशेष बलदिया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य में फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी बिहारसरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। कृषि एवं मत्स्य प्रक्षेत्र में ड्रोन तकनीक का प्रयोगप्रारंभ किया गया है।

सितंबर माह के पृष्ठ पर आइकॉनिक बिल्डिंग्स को दर्शाया गया है। बिहार में हाल मेंअनेक उत्कृष्ट एवं प्रतिष्ठित (आइकॉनिक) भवनों का निर्माण हुआ है। ये भवन नये बिहार केप्रतीक हैं। राजगीर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेन्टर, सरदार पटेल भवन पटना, सम्राट अशोककन्वेंशन केन्द्र पटना, सभ्यता द्वार, पटना इत्यादि संरचनाओं को काफी सराहा गया है।इसी कड़ी में महाबोधि सांस्कृतिक केन्द्र बोधगया, अंजुमन इस्लामिया हॉल पटना, प्रकाश पुंजपटना तथा बिहार सदन, नयी दिल्ली का भी उल्लेख करना समीचीन होगा। इन भवनों मेंवास्तुकला एवं स्थापत्य कला का अनूठा संगम है। ग्रीन बिल्डिंग्स के मानकों पर खरा उतरतेहुए ये भवन लोगों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। 10 दिसंबर, 2024 कोमुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस पटना समाहरणालय भवन काउद्घाटन किया गया, जहाँ आम नागरिकों की सुविधा एवं जरूरतों के लिए 39 विभागों कीशाखाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं। महात्मा गांधी की जीवनी, उनके विचारों एवं आदर्शोंको नयी पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से पटना के गर्दनीबाग में बापू टावर का निर्माण करायागया है। 2 अक्टूबर, 2024 को मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा इसका लोकार्पण किया गया।बापू टावर के संग्रहालय के विभिन्न दीर्घाओं में अवस्थित म्यूरल, चित्र, वीडियो, लघु फिल्मों केजरिये मोहन से महात्मा बनने और बापू की चंपारण यात्रा समेत उनके जीवन के विभिन्नपहलुओं और उनके विचारों पर आधारित राज्य सरकार की योजनाओं को प्रमुखता से दर्शायागया है।

अक्टूबर माह के पृष्ठ पर जलवायु परिवर्तन से बचाव के लिए किए गये कार्यों कोदर्शाया गया है। बिहार को सुंदर, हरित और स्वच्छ बनाने तथा जलवायु परिवर्तन से उत्पन्नचुनौतियों से कारगर ढंग से निपटने, पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखने, पर्याप्त जलउपलब्धता सुनिश्चित करने, वन आच्छादन को बढ़ावा देने, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग एवंऊर्जा की बचत पर बल देने तथा बदलते पारिस्थितिकीय परिवेश के अनुरूप कृषि एवं संबद्धगतिविधियों को नया स्वरूप प्रदान करने के लिए बापू की 150वीं जयंती के अवसर पर 02अक्टूबर, 2019 से राज्य में जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत की गयी। मुख्यमंत्रीश्री नीतीश कुमार का कहना है कि जब तक पृथ्वी पर जल और हरियाली है, तभी तक जीवनसुरक्षित है- जीवन चाहे मनुष्य का हो या पशु-पक्षी का। ऐसा व्यापक राज्यव्यापी अभियानचलाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। जल-जीवन-हरियाली अभियान की सराहना अबदेश ही नहीं बल्कि विश्व के कई मंचों से की जा रही है। 19 जनवरी 2020 को राज्य के 5करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने इस अभियान के समर्थन में 18 हजार किलोमीटर सेअधिक लंबी मानव श्रृंखला बनाकर इस अभियान का मुखर समर्थन किया तथा इसे वैश्विकस्तर पर भी पहचान दिलाई। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा 24 सितंबर, 2020 को संयुक्तराष्ट्र के उच्चस्तरीय जलवायु परिवर्तन राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में कई देशों के प्रधानमंत्री एवंप्रमुख नेताओं के समक्ष इस अभियान के महत्व को बताया गया। इस अभियान की प्रशंसामाइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स द्वारा भी की गयी है।

नवंबर माह के पृष्ठ पर ऊर्जा के क्षेत्र में किए गये बेहतर कार्यों को दर्शाया गया है।मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार अग्रणी राज्य बन गया है।बिजली व्यवस्था में व्यापक सुधार के कारण राज्य के लोगों को 24ग्7 गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाधबिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। विकसित बिहार के सात निश्चय में शामिल ’हर घरबिजली’ के निश्चय को तय समय से दो महीने पहले ही पूर्ण कर लिया गया था। राज्य केहर घर, हर गांव तक बिजली पहुंचाने के उपरांत हर खेत तक बिजली पहुंचाने के लिए राज्यसरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री कृषि संबंध योजना के तहत किसानों को निःशुल्क कनेक्शनदिया जा रहा है। लोगों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री विद्युत सहायता योजना के तहत विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को 40 से 92 प्रतिशत तक काअनुदान दिया जा रहा है। राज्य में विद्युत संचरण एवं वितरण प्रणाली में किए गये अभूतपूर्वकार्यों के कारण राज्य में विद्युत की कुल अधिकतम मांग की आपूर्ति 8005 मेगावाट तक पहुँचचुकी है जो वर्ष 2005 में मात्र 700 मेगावाट थी। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहतसरकारी एवं निजी भवनों पर सौर ऊर्जा संयत्रों का अधिष्ठापन तथा मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलरस्ट्रीट लाईट योजना के तहत पंचायतों में तेजी से सोलर स्ट्रीट लाईट का अधिष्ठापन कियाजा रहा है। सौर ऊर्जा प्रोत्साहन के तहत कजरा (लखीसराय) में 185 मेगावाट की एक बड़ीसौर परियोजना, फुलवरिया (नवादा) में फ्लोटिंग परियोजना तथा विक्रम (पटना) में नहर केकिनारे सौर परियोजनाएं बनाई जा रही हैं।

दिसंबर माह के पृष्ठ पर ‘जीविका’ द्वारा किए गये कार्यों को दर्शाया गया है। बिहारसरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ’जीविका’ बिहार में महिलाओं के विकास, सशक्तीकरण एवंगरीबी के उन्मूलन के लिए कार्य कर रही है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह काफी कमसंख्या में थे। वर्ष 2006 में विश्व बैंक से ऋण लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूहों के गठनके लिए परियोजना शुरू की गयी, जिसका नामकरण मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने“जीविका“ किया। पहले चरण में राज्य के 6 जिलों के 18 प्रखंडों में इस परियोजना को शुरूकिया गया था जिसका विस्तार राज्य के सभी 534 प्रखंडों में किया गया। जीविका के अतंर्गतअब तक 10 लाख 63 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है, जिसमें 1 करोड़ 31लाख से भी अधिक महिलाएँ जुड़कर जीविका दीदियाँ बन गयी हैं। स्वयं सहायता समूहों मेंकिए जा रहे कार्यों से जीविका दीदियों में जागृति आ रही है और वे स्वावलंबी बन रही हैं।अब शहरी क्षेत्रों में भी जीविका के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों के गठन का काम किया जारहा है।


Source : Agency

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