पटना.
प्रगति यात्रा के दूसरे चरण के दौरान आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्तीपुर जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में समस्तीपुर के समाहरणालय सभाकक्ष में समीक्षात्मक बैठक की।समीक्षात्मक बैठक में समस्तीपुर जिला के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा नेसमस्तीपुर जिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीजइलाज कराने आते थे। अब 1 माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 12हो गई है। सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। पी0एम0सी0एच0 को 5400 बेडका वर्ल्ड क्लास अस्पताल बनाया जा रहा है। आई0जीआई0एम0एस0 का भी विस्तारीकरणकिया जा रहा है, यहां पर 3000 बेड की सुविधा होगी। इसके साथ ही हर घर नल का जल,हर घर पक्की गली एवं नाली का निर्माण, हर घर शौचालय, हर घर तक बिजली काकनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी गई हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50प्रतिशत आरक्षण दिया गया, इसके तहत अब तक 4 चुनाव हो चुके हैं। बड़ी संख्या मेंमहिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम कियाहै। वर्ष 2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसकानतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है। वर्ष 2016 सेहमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। पहले बिहारमें स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। हमलोगों ने वर्ष 2006 में विष्व बैंक सेकर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया।
बिहार में अब स्वयंसहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 31 लाख जीविकादीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों नेही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और उसकानाम आजीविका दिया। हमलोगों के काम का असर पूरे देश पर पड़ता है। बिहार में अब शहरीक्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है। शहरी क्षेत्र में अब तक 26हजार जीविका स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है।
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