बेगूसराय.
बेगूसराय पुलिस वर्दी का रौब दिखाकार आम लोगों की पिटाई करने का आरोप लगा है। यह आरोप जिला राजद के प्रधान महासचिव राम सखा महतो और उसके परिवार के लोगों ने लगाया है। आरोप यह है कि मामूली विवाद में पुलिस के द्वारा राजद नेता को पहले सड़क पर जमकर पिटाई की और घसीट कर गाड़ी में बैठाया। फिर बाद में राजद नेता के पूरे परिवार (दो महिला, एक नाबालिग) को पुलिसकर्मी थाने ले गए और, वहां उनकी बेरहमी से पिटाई की। इतना ही नहीं महिला के प्राइवेट पार्ट पर भी लाठी डंडे से वार दिया गया।
महिला और नाबालिग का कसूर सिर्फ इतना था कि उन लोगों ने गलत तरीके से राजद नेता की गिरफ्तारी पर अपनी आपत्ति दर्ज़ कराया था। इतनी सी बात पर महिला को थाने ले जाकर पुलिस कर्मियों ने बेरहमी से पीटा। घटना के बाद घायलों का इलाज चल रहा है। एसपी मनीष कुमार ने बताया है कि पुलिस मारपीट की घटना की जांच करने गई थी। कुछ लोगों द्वारा पुलिस के साथ बदतमीजी की गई थी। पुलिस पर जो आरोप लगाया गया है वह गलत आरोप है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
क्या राजद का कार्यकर्ता होना अपराध है?
इधर, राजद नेता के साथ पुलिस की मारपीट और घसीटे जाने का वीडियो भी सामने आया है। वहीं राजद के कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी दिखाई जा रही है। इस घटना में पीड़ित परिवार ने सीएम नीतीश कुमार से न्याय की गुहार लगाई है। घटना चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र की है। लोगों का कहना है कि सरकार और बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा लागातार पुलिस कर्मियो को पीपुल फ्रेंडली बनने की नसीहत दी जाती है पर बेपरवाह पुलिस कर्मी कुछ न कुछ ऐसा कर जाते हैं जिससे उनकी छवि दागदार बन जाती है। राजद कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस कर्मियों ने रामएसखा महतो की पत्नी, पुत्र और उनकी भाभी की थाने पर ले जाकर बेरहमी से पीटा। उनके साथ अभ्रदता की। यह अन्याय है। सीएम नीतीश कुमार इस मामले पर संज्ञान लें। क्या राजद का कार्यकर्ता होना अपराध है।
25 हजार रुपये घूस मांग रही थी पुलिस
वहीं राजद नेता राम सखा महतो ने बताया कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। कुछ दिन पहले उनके बड़े भाई के दामाद ने चार पहिया वाहन से कहीं से आ रहे थे। पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लेकिन वह नहीं रुके। इसके बाद पुलिस ने दामाद समेत दो लोगों हिरासत में ले लिया और थाना लेकर आ गए। इसके बाद उन्होंने बेरहमी से पिटाई की। बात चार चक्का वाहन से कही आने जाने के दौरान पुलिस कर्मियो के रोक जानें पर नही रुकने पर पुलिस कर्मियों के द्वारा उनके दामाद सहित दो लोगों की थाना मे ले जाकर गंभीर रूप से पिटाई की गईं। बाद मे उनके दामाद को छोड़ने के बदले में पुलिस कर्मियों के द्वारा पच्चीस हजार रूपया बतौर घूस मांगी गई। जान बचाने के लिय उनके दामाद द्वारा पैसा देने की स्वीकृति दी गईं। जिसके बाद उन्हें थाना से छोड़ा गया। पर जब उनके दामाद द्वारा किसी कारण वश यह पैसा नहीं दिया जा सका। इस घटना के विरोध में राम सखा महतो द्वारा कुछ स्थानीय लोगों के साथ थाना पहुंच इस घटना पर विरोध दर्ज कराया गया और पैसे देने से इनकार किया गया।
दो महिला और लड़के को थाने ले गए
राजद नेता राम सखा महतो ने बताया कि कुछ दिन बाद गांव के ही दो भाईयों के बीच के विवाद हुआ। इसी बीच एक पक्ष द्वारा लड़ाई झगड़े की सूचना पुलिस को दी गई। तभी थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर रामसखा महतो की खोज करने लगी। राम सखा महतो के घर पर नहीं मिलने पर पुलिस द्वारा गालीगलौज और खीचतान किए जाने पर परिवार के लोगों ने इसका विरोध चलाया तो पुलिस कर्मियों ने जबरन दो महिला और नाबालिग लड़के को थाने लेकर आ गए और बेरहमी से पिटाई की।
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