भोपाल। कोलार क्षेत्र में 7 करोड़ की लागत से बनी नहर 10 दिन भी नहीं टिक पाई। गुरुवार शुक्रवार की दरमियानी रात नहर पूरी तरह से धंस गई। दरअसल यहां गेंहुखेड़ा से हिनोतिया आलम तक नहर को पक्का करने का काम किया जा रहा है। लेकिन यह नहर बनने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। इसका 50 फीट एरिया रात में अचानक जमीन में धंस गया। अब जिम्मेदार अधिकारी जांच की बात कर रहे हैं।
पायलट प्रोजेक्ट हुआ था शुरू
बताया जा रहा है कि यह जल संसाधन विभाग का एक पायलट प्रोजेक्ट है। इसके सफल होने के बाद इसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू किया जाना है। विभाग के अनुसार कोलार में सड़क निर्माण के लिए जगह की आवश्यकता थी। इसके साथ ही नहर के खुले होने के कारण उसमे गंदगी भी होती थी। इसलिए इसे पक्का किया जा रहा था। इसके साथ ही पाइपलाइन से पानी सप्लाई होने से पानी की चोरी पर भी रोक लगती।
अधिकारियों की मिली भगत?
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री नितिन कोहिकर का कहना है कि नहर को पक्की करने का काम लोक निर्माण विभाग कर रहा है इसमें अगर गड़बड़ी हुई है तो हम इसकी जांच करवाएंगे। वहीं लोकनिर्माण विभाग के एसडीओ डीके शर्मा का कहना है कि वे अभी सीएम ड्यूटी में व्यस्त हैं। असल में यही लगता है कि नहर निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और अधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक को कमीशन दिया गया है, जिसके चलते घटिया निर्माण हुआ। देखना होगा कि नई सरकार के नए सीएम तक ये मामला पहुंचता है या नही, और वे क्या कार्रवाई करते हैं?
जल संसाधन विभाग पहले भी हुए घोटाले