मुज्जफरपुर.
भोजपुरी फिल्मों में विलेन का रोल निभाने के लिए शहर के मशहूर अभिनेता विजय खरे ने आज रविवार को बेंगलुरु के कावेरी अस्पताल में दम तोड़ दिया है। बता दें कि रईसजादा (1976), गंगा किनारे मोरा गांव (1983) और हमरा से बियाह करबा (2003) से नाम कमाने वाले विजय खरे अपनी दमदार एक्टिंग के लिए हमेशा के लिए फैंस के दिलों में अमर हो चुके हैं।
विजय खरे बीते कुछ महीनों से किडनी की समस्या से बीमार चल रहे थे। अपने सबसे छोटे बेटे परितोष खरे उर्फ पाली के बेंगलुरु स्थित घर पर रहकर सदी के मशहूर नायक का इलाज कावेरी अस्पताल में चल रहा था। जहां पर उनकी तबीयत स्थिर बनी हुई थी, जिसके बाद से अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद आज उन्होंने जिंदगी से हार मान ली और दुनिया को अलविदा कह दिया। दिल्ली में रहने वाले सबसे बड़े बेटे संतोष खरे और मुंबई में रहने वाले मँझले बेटे अभिनेता आशुतोष खरे बेंगलुरु पहुंच चुके है। अभिनेता विजय खरे के निधन के सूचना के बाद मुजफ्फरपुर जिले के तीन पोखरिया में स्थित उनके आवास पर उनके रिश्तेदारों और प्रशंसकों की भीड़ जुटी हुई है। सभी ने खेद व्यक्त किया है और और इसको बिहार के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है।
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