जयपुर
राजस्थान में गहलोत राज में बनाए गए नए जिले को लेकर आखिर क्या होगा? इसको लेकर प्रदेश में लगातार चर्चाएं हो रही है। इस बीच भजनलाल सरकार ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ को लेकर भी जुटी हुई है। अब कयास है कि भजनलाल सरकार की रिव्यू कमेटी के फैसले के बाद छोटे जिलों को समाप्त कर नए सिरे से सीमाएं निर्धारित की जाएंगी। इसके बाद सरकार ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ फार्मूले के तहत पंचायत राज के चुनाव कराएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले साल जनवरी महीने में होने वाले पंचायत राज के चुनाव फिलहाल टलेंगे। कयास है कि इससे पहले सरकार छोटे जिलों को समाप्त कर उनकी सीमा निर्धारित करने का काम करेगी।
कानून मंत्री जिलों को समाप्त करने के दे चुके हैं संकेत
गहलोत राज में बनाए गए 17 नए जिलों को लेकर हर दिन नई चर्चाएं गर्म है। सरकार यह संकेत दे चुकी है कि नए जिलों में से 5 से 7 जिलों को समाप्त किया जा सकता है। इसको लेकर सरकार में यह निर्णय फिलहाल विचाराधीन है। गत दिनों भजनलाल सरकार के कानून मंत्री जोगराम पटेल ने भी ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ चुनावी फार्मूले के लिए छोटे जिलों को समाप्त किए जाने की आवश्यकता बताई थी। उन्होंने संकेत दिए कि बिना जिलों पर फैसले के ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ के काम में प्रोग्रेस नहीं सकता। ऐसे में माना जा रहा है कि नवंबर दूसरे सप्ताह तक सरकार नए जिलों को लेकर फैसला ले सकती हैं।
7 हजार ग्राम पंचायतों के चुनाव पर लटकी तलवार
राजस्थान में नए जिलों के फैसले को लेकर अभी तक असमंजस बना हुआ है। अब कौन से जिले रहेंगे और कौन से खत्म होंगे? इस बीच भजनलाल सरकार ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ भी करवाना चाहती है। ऐसी स्थिति में अब जनवरी 2025 में होने वाले 7 हजार ग्राम पंचायतों के चुनाव पर भी तलवार लटक गई है। सरकार के संकेत के अनुसार, अगर ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ का फॉर्मूला लागू हुआ, तो ग्राम पंचायतों के चुनाव टलेंगे और यहां पर सरकार प्रशासक नियुक्त करेगी। फिलहाल सरकार का पूरा ध्यान नए छोटे जिलों को समाप्त करने के फैसले पर टिका हुआ है। इसके बाद ही सरकार वन स्टेट वन इलेक्शन फॉर्मूला को लागू कर पाएगी।
इस साल होने वाले नगर निकाय चुनाव भी टलेंगे
हाल ही में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह ने साफ कर दिया है कि भजनलाल सरकार ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ का फॉर्मूला लागू करने वाली है। इसके चलते राज्य की कई नगर निकायों में नवंबर महीने में कार्यकाल पूरा हो रहा है। मंत्री के बयान के बाद अब इन निकायों में 2025 में चुनाव होने की संभावना बन गई है। इसके चलते प्रदेश की पांच नगर निगम, 28 नगर पालिकाओं और 16 नगर परिषद में इस साल चुनाव नहीं होंगे। सरकार फाॅर्मूले के तहत 2025 में एक साथ चुनाव करवाने की तैयारी कर रही है।छोटे जिलों को समाप्त करने के लिए कमेटी भी सहमत
गहलोत राज में बनाए गए 17 नए जिले को लेकर भजनलाल सरकार ने गत दिनों रिव्यू कमेटी से नए जिलों को लेकर परीक्षण रिपोर्ट बनवाई, जो अभी कमेटी के पास विचाराधीन है, जहां संयोजक मदन दिलावर की अध्यक्षता में राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कन्हैया लाल चौधरी, हेमंत मीणा सुरेश सिंह रावत समेत कमेटी के मेंबर इस पर विचार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कमेटी के सभी मंत्री भी छोटे जिलों को मर्ज करने की राय में सहमत है। अब जल्द ही इस रिपोर्ट को कैबिनेट में रखा जाएगा, जहां निर्णय होने के बाद नए जिलों पर कार्रवाई शुरू होगी।
यह जिले सरकार के फॉर्मूले में नहीं बैठ रहे फिट
राजस्थान में 17 नए जिले बनाए गए, इनको लेकर भजनलाल सरकार सहमत नहीं है। गत दिनों सर्वे कमेटी ने नए जिलों को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार की। सूत्रों के अनुसार, करीब एक दर्जन जिले मापदंडों में फिट नहीं बैठ रहे हैं। इनमें नीम का थाना, कोटपूतली-बहरोड़, केकड़ी, खैरथल-तिजारा, दूदू, डीग, गंगापुर सिटी, शाहपुरा, फलोदी, सलूंबर, सांचैर और अनूपगढ़ जिले शामिल है। ऐसे में सरकार इनमें से कई जिलों को अपने पुराने जिलों में मर्ज कर सकती है।
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