भोपाल
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने इस साल से दसवीं में बेस्ट ऑफ फाइव योजना को समाप्त कर दिया है। इस कारण स्कूल शिक्षा विभाग को इस बार 10वीं का परिणाम खराब होने का डर भी सता रहा है।
हाल ही में अभी नौवीं से 12वीं कक्षा तक की तिमाही परीक्षा का परिणाम जारी किया गया, जिसमें सबसे खराब परिणाम 10वीं का 55 फीसद से कम रहा। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने बेहतर रिजल्ट के लिए कवायद शुरू कर दी है।अलग से कक्षाएं लगाने के निर्देश
सभी जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को निर्देश देकर 10वीं व 12वीं कक्षा के कमजोर विद्यार्थियों के लिए अलग से विशेष कक्षाएं लगाने के लिए कहा गया है। इस पर सभी जिले के डीईओ ने प्राचार्यों की समीक्षा बैठक बुलाकर कमजोर बच्चों को चिह्नित करने और रेमेडियल क्लास लगाने के निर्देश दिए हैं।
पिछले साल 60 प्रतिशत रहा था 10वीं का रिजल्ट
इसमें पिछले दो-तीन वर्षों में मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका से तैयारी कराई जा रही है। बता दें कि 10वीं में बेस्ट ऑफ फाइव योजना के बावजूद 2022 में 59.54 प्रतिशत, 2023 में 63.29 प्रतिशत और 2024 में 58.1 प्रतिशत परिणाम रहा था। इस योजना के लागू होने के बाद भी पिछले साल 10वीं का परिणाम 60 प्रतिशत से कम रहा था।
छमाही परीक्षा तक पूरा करना है 60 प्रतिशत पाठ्यक्रम
बैठक में निर्देशित किया गया है कि छमाही परीक्षा नौ दिसंबर से शुरू होगी, तब तक 60 प्रतिशत पाठ्यक्रम पूरा करना होगा। इसके बाद परीक्षा के बाद भी कक्षाएं लगाई जाएंगी। यह निर्देश भी दिए गए हैं कि विद्यार्थियों को छमाही परीक्षा की कापी भी दिखाई जाएं, ताकि उन्हें पता चल सके कि उन्होंने कहां गलती की हैं। प्री-बोर्ड परीक्षा में शत-प्रतिशत पाठ्यक्रम को पूरा किया जाए।
रेमेडियल कक्षाएं लगाएंगे
प्राचार्यों को भी निर्देश दिए गए हैं कि 10वीं व 12वीं में पाठ्यक्रम को पूरा करवाने के लिए रेमेडियल कक्षाओं के साथ ही अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था भी की जाए। जो विद्यार्थी जिस विषय में कमजोर हैं, उनके सेक्शन मिलाकर एक कक्षा लगवाई जाए, ताकि विद्यार्थियों के कमजोर पक्ष को पहचान कर उसे दूर किया जाए।
Source : Agency