Wednesday, 15 January

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और विधायक रामपाल सिंह को विधानसभा चुनाव के 3 महीने पहले कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर बीजेपी सरकार ने रायसेन जिले में समीकरण बदलने की कोशिश की है। 

 विधानसभा चुनाव को 3 महीना का समय बचा है और एक बार फिर सियासत के समीकरण बदलने के लिए नेताओं को पुरस्कृत करने का काम चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीनदयाल अंत्योदय योजना का पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को दायित्व सौंपा है। शिवराज रामपाल सिंह को मंत्री बनाने को कोशिशों में थे, लेकिन सिंधिया समर्थक प्रभुराम चौधरी को मंत्री बनाना पड़ा, इसलिए रामपाल को रोकना पद गया। इस बार रामपाल की उनके खुद के विधानसभा क्षेत्र में उनकी हालत काफी पतली है, संभवतया इसीलिए शिवराज ने उन्हे कैबिनेट का दर्जा दे दिया। 

मध्य प्रदेश शासन के आदेश अनुसार पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है. यह आदेश निकलने के बाद सरकार की ओर से एक और आदेश जारी किया गया जिसके माध्यम से पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को कैबिनेट का दर्जा दिया गया है।

शिवराज के कट्टर समर्थक है रामपाल सिंह

पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक रामपाल सिंह का विवादों से काफी गहरा नाता रहा है. बहू की आत्महत्या के बाद पूर्व मंत्री रामपाल सिंह कई दिनों तक सुर्खियों में रहे. हालांकि वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कट्टर समर्थकों में गिने जाते हैं. जब भी विपक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है, तब रामपाल सिंह फ्रंट पर आकर लड़ाई लड़ते हैं. पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को शिवराज सरकार में लोक निर्माण विभाग जैसा महत्वपूर्ण पद भी मिला था. 

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