Sunday, 22 December

नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जंतर मंतर पर जनता की अदालत लगाई। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और जेल से बाहर इस्तीफा देने के पीछे की वजह भी बताई। अरविंद केजरीवाल ने कहा, मैं दाग के साथ नहीं जी सकता। उन्होंने कहा, मैं बेईमान होने के दाग के साथ काम करना तो दूर, ज़िंदा भी नहीं रह सकता। उन्होंने लोगों से सवाल भी किया कि अगर मैं बेईमान होता तो क्या बिजली और महिलाओं की बस यात्रा फ्री कर सकता था? सरकारी स्कूल और अस्पताल अच्छे कर सकता था?

अरविंद केजरीवाल ने कहा, बिजली फ्री करने में 3 हजार करोड़ रुपए लगते हैं। अगर मैं बैईमान होता तो बिजली फ्री करने की क्या जरूरत थी। 3 हजार करोड़ रुपए खा जाता। अगर मैं बेईमान होता तो महिलाओं का बस का किराया क्यों फ्री करता। उन्होंने कहा, जब मैं जेल से आया तो सोचा था कि जब तक कोर्ट बरी नहीं कर देता मैं सीएम कुर्सी पर नहीं बैंठूंगा। लेकिन वकीलों ने कहा कि इस केस का कोई भरोसा नहीं, 10-15 साल भी चल सकता है इसलिए मैंने जनता की अदालत में जाने का फैसला किया। उन्होंने कहा, मैं बेईमान के दाग के साथ जी भी नहीं सकता।

शराब घोटाला मामले में पांच महीने से ज्यादा समय तक जेल में रहने के बाद 13 सितंबर को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने कहा कि वह देश की सेवा के लिए राजनीति में आए हैं, न कि किसी सत्ता या पद के लालच में। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आहत होकर इस्तीफा दिया है।उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उन्होंने पैसा नहीं, बल्कि केवल सम्मान कमाया है।

श्राद्ध के बाद छोड़ देंगे सरकारी आवास
केजरीवाल ने कहा कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव उनके लिए अग्नि परीक्षा है और अगर लोग सोचते हैं कि वह बेईमान हैं तो उन्हें वोट न दें। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख ने कहा कि वह ‘श्राद्ध’ अवधि के बाद नवरात्रि के दौरान मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास छोड़ देंगे और उन लोगों के बीच रहेंगे, जो उन्हें आवास की पेशकश कर रहे हैं।


Source : Agency

Share.
Exit mobile version