अरुण पटेल
जैसे-जैसे देश व प्रदेश में लोकसभा चुनाव का प्रचार अभियान गति पकड़ता जा रहा है वैसे-वैसे राजनेताओं का एक-दूसरे पर फब्ती कसने का सिलसिला शनैः-शनैः सघन होता रहा है और उनके बीच जुबानी जंग भी तीखी होती जा रही है देखने वाली बात यही होगी कि आगे चलकर यह और कितनी तीखी होगी है तथा शब्दों की मर्यादा किस सीमा तक तार-तार होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊधमपुर में बिना नाम लिए राहुल गांधी और लालू यादव परिवार पर जमकर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी लोग मुगलिया सोच से हमारी आस्था और श्रद्धा पर नवरात्रि व सावन माह में नानवेज और मटन का वीडियो डालकर बार-बार प्रहार करते हैं। हमारा संविधान किसी को कुछ भी खाने से नहीं रोकता लेकिन ये लोग सावन माह में मटन बनाकर उसकी नुमाइश करते हैं और वीडियो प्रसारित करना तथा नानवेज खाने का वीडियो बनाकर देश के लोगों को चिढ़ाते हैं, यह मंशा ठीक नहीं है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का कहना है कि हिंदुओं की बजाय यूपी से गुंडे पलायन कर रहे हैं। जबकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा छिंदवाड़ा और सीधी में कांग्रेस पर निशाना साधते हैं और कहते हैं कि ‘बदल गया जमाना बदल डालो छिंदवाड़ा।‘ उनका कहना है कि विपक्षी पार्टियां सिर्फ परिवार को आगे बढ़ाने में लगी हैं, ऐसे में परिवार की पार्टियों को घर बिठाना है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव कहते हैं कि यह चुनाव छिंदवाड़ा को परिवारवाद की बेड़ियों से मुक्त कराने का है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का आरोप है कि शिवराज सिंह चौहान की राजनीति खुद को सज्जन इंसान के रुप में प्रस्तुत करने की रही है लेकिन उन्होंने दूत भेजकर कांग्रेस उम्मीदवार प्रतापभानु शर्मा को खरीदने की कोशिश की है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि ईडी, सीबीआई और आईटी केन्द्र के राजनीतिक हथियार हैं, लेकिन भारत में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। एक तरफ स्वतंत्रता व समानता की विचारधारा है तो दूसरी तरफ आरएसएस और मोदी हैं।
राजस्थान के बाडमेर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गठबंधन जिसे वे इंडी गठबंधन कहते हैं पर आरोप लगाया है कि ये परमाणु हथियार खत्म करना चाहते हैं। कांग्रेस के शहजादे हिंदू धर्म की शक्ति का विनाश करने की बात करते हैं। उनका आरोप था कि इंडी गठबंधन के दल देश से परमाणु हथियार खत्म करना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि आप किसके इशारे पर काम कर रहे हैं जो भारत को शक्तिहीन करना चाहता है। आखिर किसके दबाव में आपका गठबंधन हमारी परमाणु ताकत को खत्म करना चाहता है। तामिलनाडु के तिरुनेलवेली में 12 अप्रैल शुक्रवार को चुनावी सभा में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करते हैं, कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज कर दिये गये, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल गिरफ्तार कर लिये गये तथा विपक्षी नेताओं को धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत में कई भाषायें, संस्कृति व इतिहास है और हमारे लिए सब बराबर और जरुरी हैं। हालांकि मोदी कहते हैं कि एक देश, एक नेता और एक भाषा होनी चाहिये, इसी बात की लड़ाई है। तमिल, बंगाली और देश की दूसरी भाषाओं के बिना भारत पूरा नहीं हो सकता। राहुल का आरोप था कि भाजपा के नेता खुलेआम कहते हैं कि अगर वे फिर से सत्ता में आये तो संविधान बदल देंगे। प्रधानमंत्री मोदी को केवल इस बात की परवाह है कि इस देश के वित्त व संचार प्रणाली पर उनका एकाधिकार रहे। पहले पूरी दुनिया भारत को लोकतंत्र का प्रकाश स्तंभ कहती थी, वे आज कहते हैं कि भारत का लोकतंत्र अब लोकतंत्र नहीं रहा। राहुल ने युवाओं को ट्रेनिंग देने और 30 लाख पदों पर नौकरियां देने का वायदा किया।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सीधी और छिंदवाड़ा में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए पहली बार जातिगत जनगणना को लेकर भाजपा का पक्ष जनता के सामने रखते हुए कहा कि हम जातिगत जनगणना के खिलाफ नहीं है, लेकिन कांग्रेस समाज को बांटने के लिए इसकी मांग कर रही है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन की घेराबंदी करते हुए नड्डा ने जनता से पूछा क्या लालू, राबड़ी यादव, सोनिया गांधी व राहुल गांधी बेल पर नहीं हैं, क्या अरविन्द केजरीवाल, हेमंत सोरेन, मनीष सिसोदिया जेल में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जमाने में पनडुब्बी घोटाला, चीनी घोटाला, चावल घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला, कोयला घोटाला, हेलीकाप्टर वेस्टलैंड घोटाला, टू-जी, थ्री-जी के घोटाले हुए। कांग्रेस ने न अंतरिक्ष छोड़ा, न धरती छोड़ी, न पाताल छोड़ा, तीनों लोकों में घोटला किया। इंडी गठबंधन में सभी भ्रष्टाचारी एक जगह इकट्ठे हो गये हैं।
आदिवासियों को साधती भाजपा और संघ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मिशन 400 पार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए भाजपा आदिवासी सीटों पर फोकस कर रही है और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों ने मोर्चा भी संभाल लिया है, उसके अनुषांगिक संगठन भी सक्रिय हो गये हैं। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए भाजपा आदिवासी बहुल सीटों पर ज्यादा ध्यान दे रही है। इसका कारण यह है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आदिवासी बहुल विधानसभा सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। इन परिस्थितियों में अब भाजपा का पूरा ध्यान आदिवासी मतदाताओं को साधकर जीत का रिकार्ड बनाने का है। 2014 व 2019 के लोकसभा चुनावों में भले ही भाजपा ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सभी 10 सीटें जीत ली थीं लेकिन कांग्रेस ने अनुसूचित जनजाति की सीटों पर भाजपा को कड़ी चुनौती पेश की थी।
और यह भी
मध्यप्रदेश का छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जहां कांग्रेस का दबदबा रहा है और 1977 के बाद केवल एक उपचुनाव हुआ जिसमें कमलनाथ को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने पराजित कर दिया था। इसके अलावा सभी चुनाव कांग्रेस ने ही जीते। यहां तक कि जब पूरे हिंदी भाषी क्षेत्र में कांग्रेस को केवल 2 सीटें मिली थीं जिनमें से एक छिंदवाड़ा थी, जो कि कांग्रेस के उम्मीदवार गार्गीशंकर मिश्रा ने जीती थी। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस सीट पर कांग्रेस की कितनी मजबूत पकड़ रही है। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ को चक्रव्यूह में उलझाने की भाजपा ने पूरी-पूरी तैयारी कर ली है, अब देखने वाली बात यही होगी कि नकुलनाथ इस चक्रव्यूह को भेद कर 2024 में लोकसभा पहुंच पाते हैं या नहीं। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ ने अमरवाड़ा-धनोरा में चुनावी सभाओं में कहा कि किसी भी क्षेत्र की उन्नति के लिए आवश्यक है कि लक्ष्य निर्धारित कर उसे हासिल किया जाए और इसके लिए निरंतर कार्य किया जाये। मैंने दिल से काम किया और रिश्ते निभाये हैं। अब चुनौती युवाओं के रोजगार की है, इस पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए कमलनाथ कहते हैं कि वे सपने दिखाते हैं तो वहीं दूसरी ओर घोटाला कर भविष्य को अंधकार में डाल देते हैं।
-लेखक सुबह सवेरे के प्रबंध संपादक हैं।