Monday, 16 December

अलवर.

राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य सरकार द्वारा 49 नगर निकायों में प्रशासक लगाये जाने के निर्णय का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम पूर्णतया असंवैधानिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने वाला है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार ने राज्य के पांच नगर निगम, 20 नगर परिषद और 24 नगर पालिका का कार्यकाल समाप्त होने का तर्क देकर इनमें सरकारी अधिकारियों को प्रशासक लगा दिया है।

जबकि सरकार को इन निकायों की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कायम रखने के लिए इनमें तत्काल चुनाव कराने की घोषणा करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार से मांग है कि इन निकायों के अविलम्ब चुनाव कराये जायें। जूली ने कहा कि इसके पीछे राज्य सरकार ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ एजेंडे का बहाना बना रही है, लेकिन वस्तुतः राज्य की भाजपा सरकार इन नगर निकायों के चुनाव अपनी पराजय के भय से नहीं कराना चाहती। प्रदेश के अनेक नगर निकायों का कार्यकाल पूरा होने में अभी एक साल और इससे ज्यादा का समय शेष है। तब तक राज्य सरकार कार्यकाल पूरा कर चुके नगर निकायों में नगर निगमों को जिला कलेक्टर, नगर परिषदों को एडीएम और नगर पालिकाओं को एसडीएम स्तर के सरकारी अधिकारियों के भरोसे चलाना चाहती है। सरकार का यह रवैया लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने वाला है। आम जनता को उनके निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से वंचित करने की राज्य सरकार की यह चेष्टा अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। सरकार के इस कदम से इन निकायों में अव्यवस्था पनपेगी और आम जनता अपनी रोजमर्रा की समस्याओं के निराकरण के लिए तरसेगी। नगर निकायों में नौकरशाही को हावी करना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि यह दुर्भाग्य का विषय है कि जब सब ओर संविधान दिवस मनाने की तैयारियां चल रही थी। उसके एक दिन पहले राजस्थान में राज्य सरकार ने यह कदम उठाकर सिद्ध किया है कि सरकार लोकतंत्र पर अपनी मनमानी थोपना चाहती है और उसका संविधान में कोई विश्वास नहीं है।


Source : Agency

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