बीकानेर.
राजस्थान के बीकानेर जिले के नोखा में एक निजी अस्पताल में दो विचित्र जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ है। ये दोनों बच्चे सामान्य शिशुओं से अलग हैं, इस कारण लोग उन्हें ‘एलियन’ कह रहे हैं। जन्म के बाद से बच्चे डॉक्टरों की देखभाल में हैं। इन अनोखे बच्चों को देखने के लिए चिकित्सा क्षेत्र के लोगों से लेकर आम लोग भी तरह-तरह की बातें कर रहे हैं।
दरअसल, ये दोनों जुड़वां बच्चे ‘हार्लेक्विन इचिथियोसिस’ नामक एक दुर्लभ और गंभीर त्वचा विकार से पीड़ित हैं। यह बीमारी इतनी दुर्लभ है कि लाखों में से किसी एक नवजात में ही पाई जाती है और जुड़वां बच्चों में इसका होना तो और भी असाधारण है। हार्लेक्विन इचिथियोसिस एक अनुवांशिक विकार है, जिसमें बच्चे की त्वचा असामान्य रूप से मोटी और सख्त होती है। इस विकार के कारण बच्चों के शरीर पर बड़ी-बड़ी प्लेट जैसी पपड़ियां बन जाती हैं और त्वचा पर हीरे के आकार के पैटर्न उभर आते हैं। इस स्थिति के कारण नवजात की त्वचा अत्यधिक संवेदनशील हो जाती है और संक्रमण का खतरा भी अधिक होता है। इन दोनों जुड़वां बच्चों की देखभाल कर रहे डॉक्टर घनश्याम तंवर ने कहा कि यह दुर्लभ मामला है। इन बच्चों की देखभाल और उपचार में विशेष तकनीकों की आवश्यकता होती है। बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए दिन-रात देखभाल और निगरानी की जा रही है। हालांकि, चिकित्सा विज्ञान में हुई प्रगति और नई उपचार तकनीकों ने इस स्थिति में भी उम्मीद की किरण जगाई है। डॉक्टर का मानना है कि यदि उचित देखभाल और लगातार उपचार दिया जाए, तो इन बच्चों के स्वस्थ जीवन जीने की संभावना बढ़ाई जा सकती है।
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