पंजाब
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 50 दिन से ज्यादा वक्त से अनशन पर हैं. उनके समर्थन में खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे 121 किसानों ने अपना अनिश्चितकालीन हड़ताल रविवार को वापस ले लिया. दरअसल, जगजीत सिंह डल्लेवाल मेडिकल सहायता के लिए तैयार हो गए जिसके बाद किसानों ने अपना अनशन तोड़ा. 26 नवंबर को अनशन पर बैठने के बाद से वह मेडिकल सहायता लेने से इनकार कर रहे थे.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि शुक्रवार को केंद्र ने 14 फरवरी को किसानों की मांग को लेकर वार्ता का न्योता दिया है जिसके बाद डल्लेवाल मेडिकल सहायता लेने के लिए राजी हो गए. डल्लेवाल की गिरती सेहत और सरकार द्वारा मांग ना माने जाने पर 111 किसानों के समूह ने 15 जनवरी को अनशन शुरू कर दिया था. 17 जनवरी को 10 और किसानों ने प्रदर्शन शुरू किया था. जो कि हरियाणा के रहने वाले थे.
पुलिस अधिकारियों के सामने किसानों ने तोड़ा अनशन
इन 121 किसानों ने डिप्टी पुलिस इंस्पेक्टर जनरल मनदीप सिंह सिद्धू और पटियाला के सीनियर पुलिस सुप्रिंटेंडेंड नानाक नानक सिंह के सामने जूस पीकर अनशन तोड़ा. केंद्रीय कृषि मंत्रालय संयुक्त सचिव प्रिया रंजन के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय टीम ने किसान नेता डल्लेवाल और संयुक्त किसान मोर्चा ( गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के प्रतिनिधियों से शनिवार को मुलाकात की. उन्हें चंडीगढ़ में दोबारा बातचीत शुरू करने का न्योता दिया.
अनशन नहीं तोड़ेंगे डल्लेवाल
प्रस्तावित बैठक की घोषणा होने के बाद डल्लेवाल मेडिकल सहायता लेने के लिए तैयार हुए. उन्हें इंट्रावेनस ड्रिप दिया जा रहा है. हालांकि फसलों पर एमएसपी की कानूनी गांरटी मिलने तक अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगे.
किसानों और केंद्र के बीच करीब एक साल से गतिरोध की स्थिति बनी हुई थी. किसान पंजाब-हरियाणा से लगे शंभू और खनौरी बॉर्डर पर जमे हुए हैं. शंभू बॉर्डर पर एक साल से किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. उन्होंने दोबारा दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया था.
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