संभल
उत्तर प्रदेश के संभल जिले की जामा मस्जिद को हिंदू पक्ष द्वारा अदालत में हरिहर मंदिर बताये जाने के बाद शांति-व्यवस्था को लेकर शुरू हुई पुलिस तथा प्रशासनिक कार्रवाई के तहत समाजवादी पार्टी के सांसद के पिता समेत 34 लोगों को शांति भंग की आशंका के मद्देनजर पाबंद किया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
संभल की उप जिलाधिकारी (एसडीएम) वंदना मिश्रा ने बताया कि संभल के सपा सांसद जिया उर रहमान वर्क के पिता ममलुकुर रहमान वर्क सहित 34 लोगों को पाबंद किया गया है। स्थानीय प्रशासन किसी व्यक्ति को पाबंद करने का आदेश दे सकता है, अगर उसे सूचना मिलती है कि वह व्यक्ति शांति भंग कर सकता है, सार्वजनिक सौहार्द को खतरा पहुंचा सकता है, या कोई गलत कार्य कर सकता है।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि संभल में लोगों को पांच से 10 लाख रुपये तक के मुचलके पर पाबंद किया गया गया है ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे। इसके पहले शुक्रवार को कड़े पहरे में संभल में जुमे की नमाज हुई। संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया। दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को खंडित करके किया गया है।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिये। अदालत ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वेक्षण कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए।
हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि दीवानी न्यायाधीश की अदालत में दाखिल याचिका में उन्होंने बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी किताब का भी उल्लेख किया है, जिसमें हरिहर मंदिर होने की पुष्टि होती है।
उन्होंने दावा किया कि इस मंदिर को 1529 में बाबर द्वारा तोड़ा गया था और अब इस मामले की 29 जनवरी को सुनवाई है। शर्मा ने कहा कि ‘एडवोकेट कमीशन’ की रिपोर्ट आने के बाद वह अपनी आगे की कार्यवाही तय करेंगे।
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