भोपाल
भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. इंडियन रेलवे ट्रैक की कुल लंबाई 1,26,366 किलोमीटर है और हर साल इसका विस्तार होता जा रहा है. देश के विभिन्न राज्यों में कई रेलवे लाइन प्रस्तावित हैं तो किसी पर काम चल रहा है. इसी कड़ी में एक रेल लाइन बहुत अहम है रेलवे रूट पर देशभर के शहरों को नजदीक लाने की योजना के तहत भोपाल से राजस्थान रामगंज मंडी 262 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन साल के आखिरी तक शुरू होने जा रही है। परियोजना पर 523 करोड़ की राशि रेलवे ने आवंटित की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इंदौर से जबलपुर के बीच 342 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन भी बनाई जानी स्वीकृत की गई है।
प्रारंभिक सर्वे, जमीन आवंटन, अधिग्रहण जैसे कामों के लिए रेलवे ने इस प्रोजेक्ट पर 1107 करोड़ का बजट आवंटित किया है। इसी प्रकार बरखेड़ा-बुधनी तीसरी लाइन पर 200 करोड़ का अतिरिक्त बजट जारी हुआ है। रेलवे का दावा है कि इन सभी प्रोजेक्ट के पूरे होने के बाद यात्रियों को वर्तमान में लगने वाला यात्रा समय आधा हो जाएगा।
एमपी से राजस्थान का सफर जल्द ही और आसान हो जाएगा। इन दोनों राज्यों को जोड़ने के लिए एक नया ट्रेक बनाया जा रहा है जोकि देश के दो महानगरों की बीच की दूरी भी घटा देगा। भोपाल रामगंज मंडी रेल ट्रेक से यह संभव हो सकेगा जिसका झरखेड़ा तक 80 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। बताया जा रहा है कि साल के अंत तक भोपाल-रामगंज मंडी रेल ट्रेक पूरा हो जाएगा।
भोपाल से रामगंज मंडी के बीच सीधा रूट नहीं होने से ट्रेन लंबे रास्ते से होकर राजस्थान के स्टेशनों तक पहुंचती हैं।
प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 2001 में एनडीए सरकार के दौरान रखी गई थी लेकिन इसके बाद कई सालों तक यह प्रोजेक्ट अटका रहा।
भोपाल रामगंजमंडी नए रेलमार्ग से ट्रेन झालावाड़ होते हुए सिंगल इलेक्ट्रिक ट्रैक पर दौड़ेंगी। नई रेलवे लाइन से ट्रेनें झालावाड़ से झालरापाटन, असनावर, जूनाखेड़ा, अकलेरा, घाटोली से होकर मप्र के भोजपुर, खिलचीपुर, राजगढ़, ब्यावरा, नरसिंहगढ़, बैरागढ़ और भोपाल आएंगी।
इस रेलमार्ग से 5 जिलों को सीधा लाभ होगा। इनमें मध्य प्रदेश के भोपाल, सीहोर, राजगढ़ जिले और राजस्थान के कोटा व झालावाड़ जिले शामिल हैं। रामगंजमंडी रेल मार्ग भोपाल से कोटा तक का सफर आसान बना देगा। इस रेल मार्ग से भोपाल से कोटा तक यात्रा का सीधा रास्ता खुलेगा। समय में खासी बचत होगी।
झरखेड़ा तक 80 प्रतिशत काम पूरा भोपाल रामगंजमंडी के 276 किमी लंबे रेल मार्ग में 114 किमी का काम पूरा हो गया है। संत हिरदाराम नगर से श्यामपुर कुरावर तक 46.5 किमी रेल लाइन बिछाने का काम चल रहा है। कुरावर से ब्यावरा और राजगढ़ के बीच 76 किमी तक रेल लाइन बिछाई जानी है। झरखेड़ा तक 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
भोपाल रामगंजमंडी रेलमार्ग का निर्माण कार्य दोनों राज्यों में चल रहा है पर राजस्थान में इसकी गति अनुपातिक रूप से तेज है। राजस्थान में तीसरे और अंतिम चरण के अंतर्गत नयागांव रेलवे स्टेशन के बाद करीब 24 किलोमीटर में रेल लाइन बिछाने का काम बचा है। इधर भोपाल की ओर से भी रेल लाइन बिछाई जा रही है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार भोपाल रामगंजमंडी रेल लाइन 276.50 किमी लंबी है। इसमें से राजस्थान की सीमा में करीब 128 किमी में और एमपी में शेष 148.50 किमी रेललाइन बिछाई जानी है। राजस्थान में रामगंजमंडी से झालावाड़ सिटी और अकलेरा, घाटोली होते हुए नयागांव तक का काम पूरा हो चुका है। घाटोली से नयागांव ट्रेन के संचालन का जायजा भी लिया जा चुका है।
भोपाल सहित जबलपुर कोटा के लिए फंड
● ललितपुर-सतना, रीवा-सिंगरौली एवं महोबा-खजुराहो (541 किमी) नई रेललाइन के लिए – 850 करोड़।
● रामगंजमंडी – भोपाल (262 किमी) नई रेललाइन के लिए – 523 करोड़। ● इंदौर – जबलपुर (342 किमी) नई रेललाइन के लिए -1107 करोड़।
● बुदनी-बरखेड़ा तीसरी लाइन- 200 करोड़।
● कटनी-सिंगरौली (261किमी) दोहरीकरण के लिए – 400 करोड़।
● कटनी-बीना (278 किमी) तीसरी लाइन – 350 करोड़। ● कटनी ग्रेड सेपरेटर वायडक्ट (21.5 किमी) – 300 करोड़।
● मदनमहल और हाउबाग स्टेशनों के कोचिंग टर्मिनल के लिए – 15 करोड़।
● स्टेशनों पर फुट ओवर ब्रिज,हाई लेवल प्लेटफार्म कार्य के लिए – 75 करोड़।
Source : Agency
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