नई दिल्ली
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 में भारत दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। वहीं रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक बार फिर से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का पहला स्थान बरकरार रखा है और वर्ष 2025 में यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होने का अनुमान है। अमेरिका का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमानित 29,840 बिलियन डॉलर तक पहुँच जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में चीन, अमेरिका से ठीक पीछे होगा, जिसका अनुमानित जीडीपी 19,790 बिलियन डॉलर रहने का अनुमान है। पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों और विभिन्न आर्थिक झटकों के बावजूद चीन ने इस उच्च स्तर को बनाए रखा है।
वहीं, जर्मनी की अर्थव्यवस्था कुछ कठिनाइयों से जूझने के बावजूद 4,591 बिलियन डॉलर के अनुमान के साथ तीसरे स्थान पर रहेगी। यह संकेत देता है कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में स्थिरता बनाए रखने में जर्मनी ने उल्लेखनीय काम किया है। आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम 3,685 बिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ छठे स्थान पर बना रहेगा, जबकि फ्रांस 3,223 बिलियन डॉलर के साथ सातवें स्थान पर रहेगा। ब्राज़ील और इटली के बीच भी मामूली अंतर है, जिसके चलते ब्राज़ील आठवें स्थान पर और इटली नौवें स्थान पर आ जाएगा। ब्राजील के जीडीपी का अनुमान 2,438 बिलियन डॉलर और इटली का अनुमान 2,390 बिलियन डॉलर है। कनाडा 2,361 बिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दसवें स्थान पर रहेगा।
भारत की जीडीपी अगले साल उत्पाद 4,340 बिलियन डॉलर पहुंचेगी
रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्ष 2025 में जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अनुमान के मुताबिक, भारत का सकल घरेलू उत्पाद 4,340 बिलियन डॉलर पहुंच सकता है। भारत ने तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ यूनाइटेड किंगडम को पीछे छोड़कर पांचवें स्थान से चौथे स्थान पर छलांग लगाई है। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों और विभिन्न योजनाओं के परिणामस्वरूप आई है। जापान जो आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है, 4,310 बिलियन डॉलर के अनुमानित जीडीपी के साथ पांचवें स्थान पर होगा।
भारत का भविष्य उज्जवल
आईएमएफ की रिपोर्ट बताती है कि आर्थिक अस्थिरता और वैश्विक बदलावों के बीच कई देशों ने अपनी स्थिति को बनाए रखने और सुधारने में सफलता प्राप्त की है। विशेष रूप से भारत की आर्थिक प्रगति से यह संकेत मिलता है कि यह देश निकट भविष्य में और भी ऊंचाइयों पर पहुंच सकता है। जबकि अमेरिका, चीन और जर्मनी जैसी अर्थव्यवस्थाएं अब भी स्थिरता बनाए हुए हैं।
Source : Agency