वाराणसी: वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में 1991 से चल रहे मुकदमे में आज एक अहम मोड़ आया, जब हिंदू पक्ष द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से स्थल का विस्तृत सर्वे करने की मांग पर सुनवाई पूरी हुई। हिंदू पक्ष ने सेंट्रल डोम के नीचे शिवलिंग होने का दावा किया है, जिसे मुस्लिम पक्ष ने खारिज करते हुए ASI द्वारा किए गए सर्वे को अधूरा बताया है।
मुस्लिम पक्ष के आरोप: सर्वे में खामियां
मुस्लिम पक्ष ने अदालत में तर्क दिया कि ASI द्वारा किए गए सर्वे में आवश्यक उपकरणों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया। उनका कहना है कि स्थल पर खुदाई नहीं की गई और कई महत्वपूर्ण हिस्सों को सर्वे से बाहर रखा गया, जिससे संभावित साक्ष्य अनदेखे रह गए। मुस्लिम पक्ष ने यह भी कहा कि बिना विधिवत मशीनों और खुदाई के साक्ष्यों की तलाश अधूरी है।
हिंदू पक्ष की मांग: सर्वे के लिए खुदाई अनिवार्य
हिंदू पक्ष ने ASI सर्वे को और व्यापक करने की मांग करते हुए कहा कि बिना खुदाई के इस स्थल का पूरा सर्वे संभव नहीं है। उन्होंने पांच वादनी महिलाओं के केस में ASI सर्वे की खामियों पर जोर दिया और अदालत से आग्रह किया कि वह ASI को खुदाई के माध्यम से भी सर्वे करने का आदेश दे। हिंदू पक्ष का कहना है कि यह खुदाई महत्वपूर्ण साक्ष्यों को उजागर करने में मदद करेगी, जिससे सच सामने आ सकेगा।
आगे की दिशा
ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर चल रही यह कानूनी लड़ाई दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से विवाद का कारण बनी हुई है। हिंदू पक्ष का मानना है कि स्थल पर शिवलिंग के प्रमाण मिलने से इस मामले का समाधान हो सकता है, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि बिना उचित सर्वे और खुदाई के कोई भी दावा अधूरा है।
अदालत से अब इस मामले में ASI सर्वे के लिए खुदाई के आदेश की उम्मीद की जा रही है, जिससे भविष्य में इस प्रकरण का निपटारा हो सके।