Tuesday, 17 September

नई दिल्ली: भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने राहुल गांधी की नागरिकता के मामले में हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। स्वामी ने पिछले सप्ताह ही आरोप लगाया था कि राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की नागरिकता है। अब उन्होंने अदालत का रुख किया है और मांग की है कि वह केंद्र सरकार को इस मामले में ऐक्शन लेने को कहे। इसके अलावा कोर्ट से मांग की है कि वह केंद्र सरकार से मेरी शिकायत पर स्टेटस रिपोर्ट मांगे। अगस्त 2019 में सुब्रमण्यन स्वामी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की नागरिकता है और वहां का पासपोर्ट रखते हैं।

उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 का उद्धरण देते हुए कहा था कि वह किसी एक देश के ही नागरिक हो सकते हैं। सिटिजनशिप ऐक्ट 1955 का जिक्र करते हुए स्वामी ने कहा था कि उनसे भारत की नागरिकता छीन लेनी चाहिए। संविधान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि यदि कोई नागरिक दूसरे देश की सिटिजनशिप लेता है तो फिर उसे भारतीय नागरिता का त्याग करना होगा। इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से राहुल गांधी को 20 अप्रैल, 2019 को एक नोटिस भी भेजा गया था।

इस नोटिस का विषय था- नागरिकता के संबंध में शिकायत। स्वामी का कहना था कि ब्रिटेन में पंजीकृत कंपनी बैकलॉप्स लिमिटेड के राहुल गांधी निदेशकों में से एक हैं। उनका दावा था कि कंपनी ने सालाना रिटर्न 2005 और 2006 में फाइल किया था। उसके मुताबिक राहुल गांधी की जन्मतिथि 19 जून, 1970 है। इसके अलावा उन्हें ब्रिटेन का नागरिक बताया गया है। अब स्वामी ने अदालत में कहा है कि मैंने कई बार इस शिकायत पर स्टेटस अपडेट केंद्र सरकार से पूछा है, जिस पर कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने अब अदालत से मांग की है कि वह सरकरा से इस मसले पर कार्रवाई का स्टेटस पूछे।

भाजपा नेता ने संविधान के अनुच्छेद 9 का किया जिक्र

उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 का उल्लेख करते हुए कहा था कि वो किसी एक देश के ही नागरिक हो सकते हैं। बता दें कि भारत में एक व्यक्ति को केवल एकल नागरिकता प्रदान की जाती है। केंद्र सरकार द्वारा 20 अप्रैल, 2019 को गांधी को “नागरिकता से संबंधित शिकायत” विषय पर एक नोटिस भेजा गया था।

सुब्रमण्यम स्वामी ने पत्र में आगे लिखा था कि बैकऑप्स लिमिटेड नाम की एक कंपनी 2003 में यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत हुई थी, जिसमें राहुल गांधी निदेशक और सचिव थे। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 2005 और 2006 में दाखिल कंपनी के वार्षिक रिटर्न में राहुल गांधी की जन्मतिथि 19 जून, 1970 बताई गई थी और उनकी राष्ट्रीयता ब्रिटिश बताई गई थी।

राहुल की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए वर्षों पहले सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई थी. उसमें राहुल की नागरिकता के मामले पर गृह मंत्रालय को जल्द जांच के निर्देश दिए जाने की गुहार लगाई गई थी. तब तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली पीठ ने याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस गोगोई ने कहा था कि अगर कोई कंपनी किसी फॉर्म में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताती है तो इसका मतलब यह नहीं कि वे ब्रिटिश हो गए. इस पूरे विवाद पर राहुल की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी कहा था कि पूरे देश को पता है कि राहुल भारत में जन्मे हैं और भारतीय हैं.

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