Friday, 18 October

पनामा नहर के कारण अमेरिका के एक समुद्र तट से दूसरे तट तक की दूरी में 8,000 नाटिकल मील की कमी हो गई है

पनामा और स्वेज नहर संसार के दो प्रसिद्ध कृत्रिम जालमार्ग हैं. इन दोनों में पनामा नहर अधिक महत्वपूर्ण है. यह एक अंतरसागरीय जलमार्ग है, जो अंधमहासागर और प्रशांत महासागर को एक दूसरे से जोड़ता है. पनामा नहर लगभग 82 किमी. (51 मील) लंबी है. यह संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकार में है और इसका संचालन इसी देश के द्वारा होता है.

नहर के दोनों सिरों पर छोटे सागरीय स्तर के दो भाग हैं, जहाजों को समुद्री तल से 26 मीटर ऊंचा उठाने के लिए तोन लॉक्स (Locks) के जोड़े हैं, इस प्रकार दोनों और के आने जाने वाले जल मार्ग के’ जोड़ों’ को मिलाकर 12 लॉक्स (Locks) हैं. नहर का 32 मोल लंबा ऊपर उठा हुआ भाग है, जिसमें गठन लेक (Gatun Lake) और आठ मील लंबा चैनल सम्मिलित है. इसे गैलार्ड कट (Gaillard Cut) कहते हैं.

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पनामा नहर अंधमहासागर (Atlantic sea) और प्रशांत महासागर (Pacific sea) को जोड़ने वाला कम दूरी का जलमार्ग है

नहर के लॉक (Lock) कक्ष 1000 फुट लंबे, 110 फुट चौड़े और 41 फुट गहरे हैं. इनमें से अधिकतर व्यापारी जलयान और नेवी के जहाज निकल सकते हैं, केवल बड़े जहाज नहीं निकल सकते.

अब प्रश्न उठता है कि इस नहर का विशेष लाभ क्या है. अमेरिका के पूर्वी और पश्चिमी किनारों के बीच यात्रा करने वाले जलयानों को इस नहर द्वारा 8000 नॉटीकल मोल यात्रा कम करनी पड़ती है. यदि यह नहर न होती

तो सभी जलयानों को केप हॉर्न द्वारा होकर जाना पड़ता. उत्तरी अमेरिका के एक किनारे से दक्षिणी अमेरिका के विपरीत दिशा में स्थित बंदरगाहों तक लगभग 3500 मील की यात्रा कम करनी पड़ती है. इसी नहर के प्रयोग द्वारा यूरोप, पूर्वी एशिया और आस्ट्रेलिया आदि देशों को जाने वाले जहाज 2000 मील की दूरी कम तय करते हैं. इस प्रकार ईंधन की बचत तो होती ही है, साथ ही साथ समय की भी बचत होती है. इस नहर के लॉक गटन झील से मैडन झील तक बहने वाले जल के गुरुत्व प्रवाह द्वारा संचालित होते हैं. सभी लॉक की लंबाई-चौड़ाई और गहराई एक जैसी है. इनमें से एक के बाद दूसरे से होते हुए जहाज दोनों दिशाओं में आ-जा सकते हैं. प्रत्येक लॉक के गेट में दो लीवर हैं, जो 65 फुट चौड़े और 7 फुट मोटे हैं. ये कब्जों में लगे हुए हैं. गेट 47 से 82 फुट की ऊंचाई तक जा सकते हैं. इनकी गति मोटरों द्वारा नियंत्रित होती है. इनका संचालन एक नियंत्रण मीनार से होता है.

प्रतीक्षा के समय को लगाकर एक जहाज को नहर पार करने में 15 घंटे का समय लगता है. जहाज को आगे बढ़ने का आदेश मिलने के बाद नहर पार करने में केवल 7 या 8 घंटे का समय लगता है. सन् 1916 में इस नहर से गुजरने वाले जहाजों की संख्या केवल 807 थी, लेकिन सन् 1970 तक यह संख्या 15523 तक पहुंच गई, सन् 1970 में इन जहाजों द्वारा ले जाए गए माल का भार लगभग 132,500,000 टन था. इस नहर का नियंत्रण, संचालन, देखरेख और व्यापार का कार्य पनामा कैनाल कंपनी करती है.

पनामा नहर के निर्माण की कहानी

पनामा नहर के निर्माण की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है. 16वीं शताब्दी में स्पेन के लोगों ने इस नहर के निर्माण की बात सोची थी. सन् 1846 में अमेरिका और कोलंबिया के बीच इस नहर के निर्माण के लिए एक समझौता हुआ. सन् 1855 में अमेरिका ने पनामा रेल रोड बनाने के लिए धनराशि का प्रबंध किया. सन् 1880 में फर्डीनंड द लैसेप्स (Ferdinand de Lesseps) की अध्यक्षता में फ्रेंच पनामा कैनाल कंपनी बनाई गई. लैसेप्स की देखरेख में ही स्वेज नहर बनाई गई थी. नहर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया, लेकिन दस साल में ही गलत योजना, खुदाई की कठिनाई, यलो फीवर, मलेरिया और हैजा जैसे रोगों के फैलने के कारण इस कंपनी का दिवाला निकल गया और नहर का निर्माण कार्य रुक गया. सन् 1894 में एक नई पनामा नहर कंपनी बनाई गयी और नहर का निर्माण कार्य फिर से शुरू किया गया, लेकिन धन की कमी के कारण निर्माण कार्य में अधिक प्रगति न हो सकी. सन् 1903 में पनामा कोलंबिया के अधिकार से स्वतंत्र हुआ. इसी वर्ष पनामा और अमेरिका के बीच एक समझौता हुआ. इस समझौते के अनुसार नहर निर्माण को जिम्मेदारी अमेरिका के अधिकार में आ गई. सन् 1904 में नहर निर्माण कार्य फिर एक बार जोरों से शुरू कर दिया गया. इस प्रयास में सफलता मिली और 15 अगस्त सन् 1914 में प्रथम बार नहर को जलयानों के आने-जाने के लिए खोल दिया गया, तब से अब तक इस नहर की संरचना में कई परिवर्तन किए जा चुके हैं.

इस नहर के द्वारा होने वाले यातायात की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए तथा इसमें से बड़े जहाजों के न निकल सकने को ध्यान में रखते हुए आज इससे भी बड़े जल मार्ग के निर्माण की योजनाओं पर विचार किया जा रहा है.

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