हम जानते हैं कि हमारी धरती का लगभग 71 प्रतिशत भाग समुद्रों के पानी से ढका है. संसार के तीन प्रमुख महासागर हैं अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean), प्रशांत महासागर और हिंद महासागर. कुछ लोग आर्कटिक सागर और एन्टार्कटिक सागरों को भी महासागरों की श्रेणी में लाते हैं. लेकिन वास्तव में आर्कटिक सागर अटलांटिक सागर का ही हिस्सा है और एन्टार्कटिक सागर दूसरे समुद्रों के दक्षिणी भागों से मिलकर बना है.
अटलांटिक महासागर जल का अथाह विस्तार है, जो यूरोप और अफ्रीका को अमेरिका से अलग करता है. इसका आकार बीच में से पिचके हुए गिलास की तरह है. अफ्रीका और दक्षिणी अमेरिका के उभरे हुए हिस्सों के कारण कुछ हिस्से में इसकी चौड़ाई कम दिखाई देती है. यद्यपि इसका क्षेत्रफल प्रशांत महासागर की तुलना में आधा है, लेकिन फिर भी इसमें कई सागर मिले हुए हैं, जैसे आर्कटिक सागर और मध्यसागर, मध्यसागर और अटलांटिक महासागर की सीमाएं उनके क्रमशः नीले और हरे रंग के कारण अलग-अलग दिखाई देती हैं.
वास्तव में मध्यसागर दक्षिणी यूरोप, अफ्रीका और दक्षिणी-पश्चिम एशिया के बीच में स्थित है. यह जिब्राल्टर के मुहाने द्वारा अटलांटिक महासागर से जुड़ा हुआ है.
मध्यसागर और अटलांटिक महासागर की विचित्रता यह है कि मध्यसागर का रंग नीला और अटलांटिक महासागर का रंग हरा दिखाई देता है.
इन दोनों सागरों के रंगों में यह अंतर क्यों हैं?
मध्यसागर का नीलापन और अटलांटिक महासागर का हरापन इस तथ्य पर निर्भर करता है कि सूर्य के प्रकाश में उपस्थित रंगों में से कौन-सा रंग इन सागरों के पानी द्वारा सबसे अधिक छितराता है. सूर्य के प्रकाश के सात रंगों में से कौन-सा रंग सबसे अधिक परावर्तित होगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि पानी में क्या- क्या पदार्थ घुले हुए हैं. सामान्य रूप से सभी सागरों के पानी से सूर्य के प्रकाश में उपस्थित नीला रंग सबसे अधिक छितराता है. इसलिए समुद्रों का पानी नीला दिखाई देता है.
अटलांटिक महासागर के विषय में एक और तथ्य सामने आया है. इसकी तलहटी में हरे पौधों की बहुतायत है. इन पौधों के नष्ट होने से एक पीले रंग का पदार्थ इस सागर के पानी में घुलता रहता है. जब सूर्य का प्रकाश इस समुद्र के पानी पर पड़ता है, तो उसमें उपस्थित नीले और पीले रंग दोनों ही परावर्तित हो जाते हैं. नीले और पीले रंगों का मिश्रण हमारी आंखों को हरा दिखाई देता है. यही कारण है कि अटलांटिक महासागर का रंग हरा दिखाई देता है. पीले रंग के पदार्थ मध्यसागर के पानी में उपस्थित नहीं है, इसलिए उसके पानी से केवल नीला रंग ही छितराता है और उसका रंग हमें नीला दिखाई देता है.
इन दोनों रंगों के कारण कोई भी व्यक्ति दोनों सागरों
में आसानी से अंतर कर सकता है.