Friday, 20 September

हम सभी उड़ने वाले कीट-पतंगों को प्रकाश की ओर आकर्षित होती हुए देखते हैं, लेकिन हम में से अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि कीड़े प्रकाश की ओर आकर्षित क्यों होते हैं? कीट-पतंगों के प्रकाश की ओर आकर्षित होने में एक आश्चर्यजनक तथ्य यह भी है कि केवल नर कीड़े ही प्रकाश की ओर खिंचते हैं. कीट-पतंगे सभी प्रकाश स्रोतों की ओर समान रूप से आकर्षित नहीं होते. क्या तुम इन सभी प्रश्नों का उत्तर जानते हो?

कीट-पतंगों का प्रकाश की ओर आकर्षित होना अरस्तू के समय से ही अध्ययन का विषय रहा है. 19वीं सदी के अंत में पेनसिलवानिया विश्वविद्यालय (अमेरिका) के एस. डब्ल्यू. फ्रास्ट ने इस विषय का अध्ययन काफी गहराई से किया था. बाद में फ्रांस के जे. एच. फैबरे ने इस खोजन को आगे बढ़ाया और इसका उचित विवेचन किया.

फैबरे ने बताया कि कुछ प्रकाश स्रोतों से विशेष प्रकार के विकिरण निकलते हैं, जिनके लिए कीट-पतंगे प्रकाश की ओर आकर्षित होते हैं. अंब यह प्रयोगों से सिद्ध हो गया है कि प्रकाश स्रोतों से निकलने वाले कुछ अवरक्त विकिरणों की ओर ही कीट-पतंगे आकर्षित होते हैं, ये अध्ययन मॉथ (Moth) पर किए गए थे.

अब प्रश्न उठता है कि इन विकिरणों में ऐसी क्या विशेषता है, जो कीड़ों को आकर्षित करते हैं. वास्तविकता यह है कि मादा कीट-पतंगों के पेट में एक ऐसी ग्रंथि होती है, जिससे कुछ विशेष गंध वाले अणु निकलते हैं.

इन अणुओं से कुछ अवरक्त विकिरण निकलते हैं, जो वायु में फैल जाते हैं. नर माँथ इन विकिरणों की पहचान कर लेते हैं और वे मादा कीट को पाने की इच्छा से उसकी ओर आकर्षित होते हैं. मादा के शरीर से निकलने वाले विकिरणों की भांति ही प्रकाश स्रोतों से भी विकिरण निकलते हैं, जिनसे नर मॉथ को मादा मॉथ की उपस्थिति का भ्रम हो जाता है और इसी भ्रम में नर प्रकाश की ओर खिंचने लगता है. उसे लगता है कि कहीं आस- पास मादा कीट है और उसकी तलाश में बह प्रकाश- स्रोत की ओर आकर्षित हो जाता है.

प्रकृति में पाये जाने वाले कीट-पतंगों में नर एंपरर मॉथ (जिसे Eudia Pavonia कहते हैं) की सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है. जर्मनी में सन् 1961 में उस पर किए गए प्रयोगों से पता चला कि एंपरर मॉथ मादा से निकलने वाली सैक्स गंध को लगभग 11 किलोमीटर दूर से भी जान लेता है. कुछ मॉथ (Moth) इस गंध से निकलने वाली अवरक्त विकिरणों से आकर्षित होकर ही प्रकाश की ओर खिचे चले जाते हैं क्योंकि उसमें भी मादा के शरीर से निकलने वाली अवरक्त विकिरणें होती हैं. इस प्रकार मॉथ मादा की खोज में नर मॉथ प्रकाश की ओर आकर्षित होते हैं.

मोमबत्ती के प्रकाश में ऐसे विकिरण काफी मात्रा में होते हैं, जिससे नर कीट मोमबत्ती की लौ की ओर आकर्षित हो जाते हैं. सड़कों पर लगे बल्बों की ओर भी नर मॉथ इसी भ्रम में आकर्षित होते हैं. विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि सभी कोट पतंगों से निकलने वाले गंधयुक्त फेरोमॉस (Pheromones) एक जैसे नहीं होते. यही कारण है कि सभी कीट-पतंगे प्रकाश की ओर समान रूप से आकर्षित नहीं होते. यही बात विभिन्न प्रकाश स्रोतों के विषय में भी सत्य है. यदि किसी प्रकाश स्रोत से ये विकिरण नहीं मिलते तो उसकी ओर कीड़े भी आकर्षित नहीं होते. कीट-पतंगों में संचरण की यह व्यवस्था बहुत ही जटिल है, तथा इसके और गहन अध्ययन के लिए बहुत ही उत्तम किस्म के उपकरणों की आवश्यकता है.

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