Friday, 20 September

एक बार महान वैज्ञानिक सर हम्फ्री डेवी (Humphry Davy) से उनके के एक एक मित्र ने पूछा कि उनकी सबसे महान खोज क्या है? इस पर डेवी ने उत्तर दिया, ‘माइकेल फराडे (Michael Faraday)’. उस समय फराडे उनके सहायक के रूप में कार्य कर रहे थे. बाद में फराडे द्वारा अनेक महत्वपूर्ण आविष्कार किए गए.

फराडे का जन्म सन् 1791 में एक गरीब लोहार परिवार में हुआ था. उसने 13 वर्ष की अवस्था से ही पुस्तक विक्रेता के यहां उसकी पुस्तकों और समाचारपत्रों की फुटपाथ पर बिक्री करके अपनी रोजी रोटी कमाना शुरू कर दी थी. लेकिन उसके खोजपूर्ण और उत्सुकता भरे मस्तिष्क तथा कठोर परिश्रम ने उसे सफलता की महान ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया. उससे सहानुभूति रखने वाले पुस्तक विक्रेता मालिक ने उसे पुस्तकों को बनाना तथा छापना सिखाया. इस प्रकार फराडे पुस्तकों के पढ़ने में रुचि लेने लगा और अपना खाली समय उन्हें पढ़ने में लगाने लगा. उसके मन में सदैव कोई महान कार्य कर दिखाने की इच्छा बनी रहती थी.

एक दिन फराडे को सर हम्फ्रे डेवी का भाषण सुनने का अवसर मिला. फराडे ने उनके भाषण को लिख डाला और आवश्यक रेखाचित्र बना कर उनके पास भेज दिया. इससे प्रभावित होकर फराडे ने उसे अपनी प्रयोगशाला का सहायक बनने का प्रस्ताव रखा जिसे फराडे ने मान लिया. वह उनकी प्रयोगशाला में लंबे समय तक इस पद पर कार्य करता रहा.

इसके बाद जब फराडे को स्वतंत्र रूप से अपना कार्य करने का अवसर मिला. उसकी प्रतिभा चमक रसायान शास्त्र उसका सबसे विषय था. इसमें उसने अनेक आविष्कार किए, कल का अखबार बेचने वाला लड़का एक सम्मानित वैज्ञानिक बन गया. उसके द्वारा किये आविष्कारों में स्टेनलेस स्टील, द्रव क्लोरीन, नये किस्म के नेत्रों के शीशे, बेनजीन आदि हैं. उन्होंने इलेक्ट्रोलिसिस (Electrolysis) के नियमों को भी प्रतिपादित किया.

विद्युत के क्षेत्र में नये आविष्कार करने का प्रयास करते ही वह प्रसिद्धि की चोटी पर पहुंच गया. ओएसटेड (Oersted) ने पहले यह खोज की थी कि विद्युत से चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न होते हैं, फराडे ने इसके विपरीत विचार करना प्रारंभ किया. उन्होंने सोचा कि अगर विद्युत चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न कर सकती है तो ऐसा भी उपाय अवश्य होना चाहिए जिससे चुंबकत्व (Magnetism) विद्युत उत्पन्न कर सके. इसके बाद उन्होंने ‘मेग्नेटो इलेक्ट्रिक मशीन’ का आविष्कार किया. इसमे विद्युत ध्रुवों के बीच में घूमती हुई एक डिस्क थी. यह मशीन डायनमों का ही पूर्वरूप डायनमों मेकेनिकल ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है. इसमें एक शक्तिशाली चुंबक होता है और उसके दोनों ध्रुवों के बीच में एक शक्तिशाली कुंडली (Coil) जो एक अच्छी सुचालक होती है घूमती है. घूमने से उत्पन्न होने वाली मैकेनिकल या मशीनी ऊर्जा कुंडली में विद्युत ऊर्जा के रूप में बदल जाती है.

माइकेल फराडे उदार, दानी, और गहरे धार्मिक व्यक्ति थे. सन् 1867 में इस महान वैज्ञानिक का स्वर्गवास हो गया.

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