गाय के बनों पर रबर कप लगा दिए जाते हैं, ये एक ट्यूब से जुड़े होते हैं, एक उपकरण इन ट्यूबों को बारी-बारी से दबाता है और उसमें वायु छोड़ता है; इस क्रिया के कारण गाय के थनों से दूध निबुड़ कर ट्यूब में आ जाता है और वहां से बरतन में चला जाता है
First milking Machine: दूध दुहने की की मशीन एक ऐसा यंत्र है। जिससे गाय, भैंस का दूध निकाला जाता है. दूध दुहने की पहली मशीन का पेटेन्ट में पशु के थनों पर लगने वाले चार प्याले होते थे जो एक हवा रहित डिब्बे (Vaccum Chamber) से जुड़े होते थे. यह डिब्बा एक बरतन के साथ लगा रहता था. हवा रहित डिब्बा देखने में एक धौंकनी की भांति था जिसमें एक हैंडिल को पंप करके हवा रहित (Vaccum) स्थित को बनाये रखा जाता था. पशु के थनों में प्यालों को लगाने के बाद इस हैंडिल को चला कर दूध दुहा जाता था. इस मशीन का उपयोग करने के बाद यह देखा गया कि दूध को इस प्रकार थनों से लगातार खींचने के कारण गाय भैंस को दर्द होने लगता है और आंतरिक रक्त स्राव भी शुरू हो जाता या जिससे दुहा हुआ दूध दूषित हो जाता था.
सन् 1889 में स्काटलैंड, किलमारनोक के विलियम मुर्थलेंड ने दूध दुहने की एक मशीन का पेटेंट करवाया. इसमें भी कुछ समस्याएं थीं. इसका सुधरा हुआ रूप डॉ. एलेक्जेंडर शील्ड ने सन् 1895 में बनाया. यह किसानों के लिए बहुत महंगा था. बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में इस यंत्र में स्काटलैंड के कई फर्मों ने कुछ सुधार किये.
आधुनिक दूध दुहने की मशीन में एक बड़ा धीमे धीमे गति करने वाला प्लेटफार्म होता है. यह विद्युतशक्ति से चलता है. इसमें कई गायों के लिए स्थान होते हैं. जब गायें इस प्लेटफार्म पर पहुंचती हैं, उन्हें अपने-अपने चारा खाने के स्थानों पर बांध दिया जाता है और प्रत्येक गाय के दूध दुहने की मशीन लगा दी जाती है. दुहा जाने वाला दूध एक शीशे के बर्तन में एकत्रित कर लिया जाता है.
सन् 1960 आदि के अंतिम वर्षों से दूध दुहने के स्थानों पर पशुओं को चारा खिलाने की विधियों में बहुत उन्नति हुई है. बहुत से ऐसे स्थानों पर कंप्यूटरों का उपयोग होने लगा है और कुछ में इलेक्ट्रानिक सेंसर्स भी काम में लाये जाने लगे हैं. ये इलेक्ट्रानिक सेंसर्स गायों के गलों में बंधे हुए ट्रांसमीटर्स से संकेत ग्रहण करके यह बता देते हैं कि उसे किस प्रकार के खाने की आवश्यकता है. इस सूचना को पाते ही स्वचालित डिस्पेंसर्स गायों को खाने के लिए आवश्यक सामग्री उसी समय दे देते हैं.