Friday, 27 December

धरती के ऊपर बहती हुई नदियों को तो हम सभी जानते हैं लेकिन जमीन के अंदर नदियों के बहने की बात कुछ विचित्र-सी लगती है. वास्तविकता यह है कि कुछ नदियां जमीन के अंदर भी बहती है. क्या आप जानते हो कि जमीन के अंदर नदियां कैसे बन जाती हैं?

जमीन के अंदर नदियां बनने के कई कारण होते है. कहीं-कहीं धरती की ऊपरी सतह ऐसी होती है, जिसमें बरसात का पानी धीरे-धीरे प्रवेश कर सकता है. यह पानी जमीन के नीचे सख्त चट्टानों पर जाकर ठहर जाता है. ऊपरी पानी के दबाव के कारण यह नदी के रूप में जमीन के अंदर अंदर बह निकलता है और नदी का रूप धारण कर लेता है.

जब बरसात का पानी, जिसमें कुछ अम्ल की मात्रा होती है, चूने वाली चट्टानों पर गिरता है, तो एक रासायनिक क्रिया होती है, जिसके द्वारा चूना पत्थर टूटना शुरू हो जाता है. इन चट्टानों की बनावट शहद की मक्खी के छत्ते की तरह होती है. बरसात का यह पानी धारा के रूप में बहने लगता है और बाहर आने का रास्ता ढूंढता है. जैसे-जैसे पानी बहता है, यह अपने चारों ओर की चट्टानों को तोड़कर अपने लिए रास्ता बनाता जाता है. यही बहता पानी जमीन के अंदर बहने वाली नदी के नाम से जाना जाता है. ये नदियां बहती बहती कहीं-कहीं जमीन से ऊपर भी आ जाती हैं और अंत में ये भी और नदियों की तरह ही समुद्र में मिल जाती हैं.

पहाड़ों के अंदर शक्तिशाली झरनों का पानी जब चट्टानों से बाहर आने का रास्ता ढूंढता है, तो वह भी जमीन के अंदर नदी के रूप में बहता हुआ आगे बढ़ता है.

कुछ नदियां जमीन के अंदर बहुत लंबी दूरी तक बहती हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी हैं, जो कुछ दूरी तक जमीन के नीचे बहकर जमीन के ऊपर आ जाती हैं. फ्रांस की रोन (Rhone) नदी ऐसी ही है. इंग्लैंड के सोमरसेट (Somerset) नामक स्थान की जमीन के नीचे वहने वाली नदी बहुत प्रसिद्ध है.

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रोन नदी (Rhone River)

कुछ भूवैज्ञानिकों ने जमीन के अंदर नदियों के रास्ते का अध्ययन करने की कोशिश की है, लेकिन कहीं-कहीं उनका रास्ता इतना संकोर्ण होता है कि आदमी उसमें से निकल ही नहीं सकता. नदी के रास्ते को जानने का एक और तरीका भी है. इस तरीके में जहां नदी जमीन के ऊपर होती है, पानी में रंग डाल दिया जाता है. इस रंग के आधार पर यह पता लग जाता है कि दुबारा नदी जमीन के ऊपर कहां आती है.

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